एमपी में आम आदमी पार्टी की धमक से कांग्रेस को भी अपनी नींव हिलती दिखाई दे रही है

दिल्लीः

मध्यप्रदेश के सिंगरौली शहर में भले ही आम आदमी पार्टी ने जीत दर्ज कर ली हो. लेकिन देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में आम आदमी पार्टी की झाड़ू नहीं चल पायी. उनके प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई. जबकि इंदौर से अरविंद केजरीवाल को सबसे ज्यादा उम्मीदें थी. इसलिए मेयर का टिकट सीधे दिल्ली से उन्हीं ने तय किया था. लेकिन शहर की जनता उसे भी नकार दिया.

दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद मध्यप्रदेश में सियासी जमीन तलाश रही अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को एमपी के नगरीय निकाय चुनाव में उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिली. देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में पार्टी ने मेयर सहित 35 प्रत्य़ाशी मैदान में उतारे थे. लेकिन उसमें से दो पार्षदों की ही जमानत बच पायी. बाकी सभी की जमानत जब्त हो गई.

वार्ड 68 में आप के प्रत्याशी अनवर देहलवी बीजेपी प्रत्याशी सूरज सिरवैया पर भारी रहे. हालांकि इस वार्ड में कांग्रेस प्रत्याशी अयाज बेग चुनाव जीते. वहीं वार्ड 85 में बीजेपी प्रत्याशी राकेश जैन को 7932 वोट मिले. दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी सचिन चौहान को 5450 वोट जबकि आप प्रत्याशी किशोर चौहान को 1043 वोट मिले. इस तरह इन दोनों वार्डों से आप प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने से बच गई.

आप के प्रवक्ता हेमंत जोशी का कहना है भले ही इंदौर में हमारा प्रदर्शन थोड़ा कमजोर रहा हो लेकिन पूरे प्रदेश में आम आदमी पार्टी ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है. सिंगरौली का मेयर पद आप ने जीता तो वहीं 20 पार्षद, 60 सरपंच, 95 पंच सहित जनपद और जिला पंचायतों के कई सदस्य आप के समर्थन से जीते हैं. अभी दूसरे दौर की मतगणना में भी अप्रत्य़ाशित परिणाम सामने आएंगे और 2023 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी तीसरे विकल्प के रूप में नजर आएगी.

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