पाकिस्तान के गांवों में जागरूता की कमी के कारण पोलियो ड्रॉप अभियान का विरोध किया जाता है

दिल्लीः पाकिस्तान सरकार की अपने मुल्क को पोलियो मुक्त बनाने के प्रयासों के बीच आदिवासी क्षेत्र कहे जाने वाले उत्तर वज़ीरिस्तान में पोलियों के 12 नए मामले सामने आ गए है.

पोलियो को लेकर जहां दुनिया भर में एक युद्ध स्तर पर काम करके पोलियो को हराया गया है, तो वहीं पाकिस्तान के साथ उसका पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान अभी भी पोलियो जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है.

पाकिस्तान का नया मामला मीर अली इलाके से सामने आया है, जहां एक 21 महीने के बच्चे का एक पांव पोलियो की वजह से लक्वाग्रसित हो गया. प्रारंभिक जांच के अनुसार बच्चे के दाहिने पैर में लकवा मार गया है.

पाकिस्तानी अख़बार डॉन न्यूज़ के मुताबिक सभी 12 मामले खैबर पख्तूनख्वा के उत्तर वज़ीरिस्तान से सामने आये है.

वहीं, खैबर पख्तूनख्वा के विशेष सूचना सहायक मुहम्मद अली सैफ ने कहा है कि प्रांतीय सरकार इस गंभीर बीमारी को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है.

पाकिस्तान के आम लोगों में धारणा बनी हुई है कि पोलियो की ड्रॉप पिलाने से आगे जाकर उनके बच्चों की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है. जिस कारण अधिकतर लोग अपने बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाने से बचते हैं.

पाकिस्तान के गांव देहात में अक्सर लोगों द्वारा पोलियो मेडिकल टीम पर हमले की खबरें मीडिया में आम बात है

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