अडानी ग्रुप ने गैडोट के साथ मिलकर 94 अरब की बिड जीती

दिल्ली: एशिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन गौतम अडाणी के ग्रुप ने अपने पार्टनर गैडोट के साथ मिलकर इजराइल के हाइफा पोर्ट के प्राइवेटाइजेशन की बोली जीत ली है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पोर्ट में 70% हिस्सेदारी अडाणी पोर्ट के पास होगी। वहीं बाकी के 30% शेयर गैडोट के पास होंगे। गैडोट इजराइल में केमिकल और लॉजिस्टिक्स का बड़ा ग्रुप है। मेडिटरेनियन कोस्ट पर स्थित हाइफा पोर्ट इजराइल का एक मेजर ट्रेड हब है।

गौतम अडाणी ने गुरुवार को ट्वीट कर बोली जीतने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, ‘हमारे पार्टनर गैडोट के साथ मिलकर इजराइल के हाइफा पोर्ट के प्राइवेटाइजेशन के लिए बोली जीतने की खुशी है। ये पोर्ट दोनों देशों के लिए अत्यधिक स्ट्रैटेजिक और हिस्टोरिक महत्व वाला है।’

अडाणी ने इजराइल की गैडोट के साथ मिलकर इस बिड के लिए 4.1 बिलियन शेकेल (94 अरब रुपए) की बोली लगाई थी। इन दोनों कंपनियों ने मिलकर बिड में शामिल अन्य कंपनियों डीएओ, इजराइल शिपयार्ड और शाफिर इंजीनियरिंग को पीछे छोड़ दिया। अडाणी ग्रुप और गैडोट अगले 32 साल, यानी 2054 तक इस पोर्ट का संचालन करेंगे।

इजराइल का सबसे बड़ा बंदरगाह अशदोद है। हाइफा दूसरे नंबर पर है। 2021 में इजराइल में सभी कंटेनर कार्गो का लगभग 47% हिस्सा हाइफा बंदरगाह से ही गुजरा था। पैसेंजर ट्रांसपोर्टेशन के मामले में हाइफा इजराइल का मुख्य बंदरगाह है। 2021 में हाइफा का रेवेन्यू 845 मिलियन शेकेल (करीब 19,29 करोड़ रुपए) और शुद्ध लाभ 271 मिलियन शेकेल (करीब 619 करोड़ रुपए) था।

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