फिर भिड़े पूर्व CM हरीश रावत व पूर्व मंत्री Harak Singh
दिल्लीः उत्तराखंड कांग्रेस के भीतर नेताओं के बीच चल रही जंग को शांत कराने के लिए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव बैठक करने जा रहे हैं. असल में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस में वापसी करने वाले पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत के हालिया बयानों के दांव देखकर अपने पांव भी दंगल में जमाकर करारा हमला किया है. सोशल मीडिया पर हरक का नाम लिये बगैर हरीश रावत ने साफ तौर पर कह दिया कि कांग्रेस ऐसे नेता को लेकर अपना रुख साफ करे, जो भाजपा से खदेड़े जाने के बाद कोई ऑप्शन न होने के कारण पार्टी में आया.
पिछली भाजपा सरकार में मंत्री रहने के बाद कांग्रेस में वापसी करने वाले हरक सिंह रावत और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के बीच अच्छी खासी जंग छिड़ी हुई है. हरक ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह गुट के साथ नजदीकियां बढ़ाते हुए बैठक तो की ही, वह देहरादून में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाकात करने चले गए. इन मुलाकातों के बाद हरक ने हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आरोप लगा दिए कि उनकी अगुवाई में प्रदेश में कांग्रेस कमज़ोर है और हरीश रावत की राजनीति गंभीर नहीं है.
हरीश ने उठाए हरक के सियासी चरित्र पर सवाल
हरक सिंह की इन हालिया गतिविधियों के मद्देनज़र हरीश रावत ने अपना गुस्सा ज़ाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर एक लंबा पोस्ट लिखा. इसमें उन्होंने हरक का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके राजनीतिक चरित्र पर उंगली उठा दी. उन्होंने लिखा, ‘हम मान रहे थे कि भाजपा के लोकतंत्र विरोधी चेहरे को पहचान लेने और भाजपा के सिद्धांतों से मोहभंग होने के चलते वह कांग्रेस में लौटे, लेकिन सच यह है कि भाजपा ने उन्हें निकाला और उनके पास कोई ऑप्शन नहीं बचा था इसलिए वह कांग्रेस में आ गए.’
हरीश रावत ने अपने पोस्ट में दोनों की मुलाकात को ‘गुपचुप’ व ‘रहस्यमय’ बताते हुए लिखा कि एक ऐसे नेता से मुलाकात करने हरक गए, जिसे महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या में साझेदार माना जा रहा है. ऐसी खबरों को चिंताजनक बताते हुए रावत ने यह भी कटाक्ष किया कि कांग्रेस पार्टी को सच बताने के लिए ऐसे समाचारों का खंडन करना चाहिए. यह कटाक्ष इसलिए है क्योंकि खुद हरक हरिद्वार में मीडिया से कह चुके हैं कि वह कोश्यारी से मिलने गए थे.