अज़ब ग़ज़ब : खाने-पीने का सामान महंगा लेकिन महंगाई घटी
दिल्ली: थोक महंगाई लगातार 15वें महीने डबल डिजिट में बनी हुई है। हालांकि थोक मूल्य सूचकांक आधारित (WPI) महंगाई दर जून में 15.18% पर आ गई है। पिछले महीने यानी मई में ये 15.88% पर थी।इससे पहले अप्रैल में ये 15.08% पर, मार्च में 14.55% पर, जबकि फरवरी में 13.11% पर थी।
- जून 12.41% में खाद्य महंगाई दर पर पहुंच गई जो मई में 10.89% थी।
- सब्जियों की महंगाई 56.36% से बढ़कर 56.75% हो गई।
- आलू की महंगाई 24.83% से बढ़कर 39.38% हो गई।
- अंडे, मीट और मछली की महंगाई 7.78 % से घटकर 7.24% रह गई।
- प्याज की महंगाई कम हुई है। ये -20.40% से घटकर -31.54% हो गई।
- मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई 10.96% से घटकर 9.19% रही।
- फ्यूल और पावर इंडेक्स जिसमें LPG, पेट्रोलियम और डीजल जैसे आइटम शामिल हैं, ये 40.62% से घटकर 40.38% रह गई।
थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहना चिंता का विषय है। ये ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर को प्रभावित करती है। यदि थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक उच्च रहता है, तो प्रड्यूसर इसे कंज्यूमर्स को पास कर देते हैं। सरकार केवल टैक्स के जरिए WPI को कंट्रोल कर सकती है।
जैसे कच्चे तेल में तेज बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी। हालांकि, सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में ही कर सकती है, क्योंकि उसे भी सैलरी देना होता है। WPI में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है।