रूसी हमले में जपोरिजिया के 23 नागरिक घायल

दिल्लीः

रूस-यूक्रेन जंग के बीच पांच महीने से जंग जारी है. उत्तर कोरिया ने डोनबास को अलग देश की मान्यता देने की बात कही है. इस घोषणा के बाद यूक्रेन ने उत्तर कोरिया से सभी डिप्लोमैटिक रिलेशन खत्म करने का ऐलान किया है. उत्तर कोरिया से पहले डोनबास को रूस और सीरिया ने अलग देश के रूप में मान्यता दे रखी है.

कीव इंडिपेंडेंट के मुताबिक, जपोरिजिया प्रांत में रूस ने 2 रॉकेट दागे हैं. रॉकेट हमले में 23 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. रूसी हमले के बाद इमरजेंसी विभाग इलाके में रेसक्यू अभियान चला रही है. मंगलवार को डोनेट्स्क में रूसी हमले से 37 आम नागरिकों की मौत हो गई थी.

तुर्की में ब्लैक सी से गेंहू ट्रांसपोर्ट को लेकर यूक्रेन और रूस के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई. बैठक के बाद यूक्रेन के विदेश मंत्री ने कहा कि सुरक्षा सबसे अहम मुद्दा है. जब तक गेंहू ले जाने के लिए प्राप्त सिक्योरिटी नहीं मिलेगी, तब तक यहां से गेहूं जाना मुश्किल है.अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन मिडिल ईस्ट देशों के दौरे पर निकले हैं. इस दौरान वे इजराइल, सऊदी अरब भी जाएंगे. बाइडन का दौरा पुतिन के ईरान दौरे से एक हफ्ता पहले हो रहा है. वैसे तो इस दौरे को इरान पर न्यूक्लियर वार्ता से जोड़कर देखा जा रहा है.जंग में फंसे यूक्रेन को उम्मीद है कि बाइडन के इस दौरे के बाद सऊदी अरब और इजराइल रूस पर दबाव बनाएगा. दोनों देशों ने जंग में अब तक खुलकर किसी का सपोर्ट नहीं किया है.रूस और यूक्रेन के बीच तुर्की के इस्तांबुल में अहम वार्ता जारी है. अगर यह बातचीत सफल होती है तो पूरी दुनिया को महंगाई की समस्या से राहत मिल सकती है. दोनों ही देशों के राजनयिक संयुक्त राष्ट्र (यूएन) और तुर्की के अफसरों की मौजूदगी में अनाज निर्यात पर लगे प्रतिबंधों पर चर्चा कर रहे हैं.

रूस और यूक्रेन के बीच इस साल फरवरी से ही युद्ध जारी है. रूस ने यूक्रेन के कई अहम ठिकानों पर कब्जा कर लिया है. इनमें काला सागर (ब्लैक सी) से जुड़े कई अहम ठिकाने शामिल हैं. इसके अलावा यूक्रेन के कई अहम बंदरगाहों पर भी रूस ने या तो कब्जा कर लिया है या उसकी ओर से हमले जारी हैं.रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से ही कीव की ओर से निर्यात में बड़ा गतिरोध आया है. उधर रूस पर भी पश्चिमी देशों ने जबरदस्त प्रतिबंध लगाए हैं. नतीजतन यूक्रेन के साथ रूस से निर्यात में भी कमी आई है. ज्यादातर देश रूस से सीधी खरीद करने से बच रहे हैं. ऐसे में खाद्य पदार्थों की महंगाई सबसे ऊंचे स्तर पर है.

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