2022 में अब तक आटे के दाम करीब 9% बढ़े

दिल्ली: गेहूं के आटे और इसके अन्य उत्पादों के निर्यात पर प्रतिबंध आज यानी 12 जुलाई से लागू हो गए हैं। अब जो भी व्यापारी आटा, मैदा, समोलिना (रवा/सिरगी), होलमील आटा और रिजल्टेंट आटा का निर्यात करना चाहते हैं उन्हें इंटर-मिनिस्ट्रियल कमेटी की मंजूरी लेनी होगी। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड (DGFT) ने 6 जुलाई को इसे लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था।

इससे पहले 13 मई को सरकार ने गेहूं की कीमतों को कंट्रोल में रखने के लिए एक्सपोर्ट पर रोक लगाई थी। इस रोक के बाद आटा, मैदा और सूजी के एक्सपोर्ट में तेजी आई थी। कॉमर्स मिनिस्ट्री के मुताबिक गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के बाद हर महीने लगभग 100,000 टन आटा निर्यात किया जा रहा है, जबकि पिछले फाइनेंशियल ईयर में 500,000 टन आटा निर्यात किया गया था।

डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के डेटा के मुताबिक 1 जनवरी 22 को गेहूं का एवरेज प्राइस 28.08 रुपए था जो 11 जुलाई को 7% बढ़कर 30.08 हो गया। वहीं आटा 30.98 रु. से 8.71% बढकर 33.68 रु. हो गया। आटे से बने प्रोडक्ट्स के दाम भी बढ़े हैं। 14 मार्च को नेस्ले इंडिया ने मैगी के छोटे पैक की कीमत 12 रुपए से बढ़ाकर 14 रुपए कर दी थी। वहीं 10 रु. वाले 140 ग्राम के Parle-G बिस्कुट का वजन घटकर अब 110 ग्राम रह गया है।

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