‘विकास के लिए बनाई सरकार’, एकनाथ शिंदे बोले- MVA सरकार के दौरान खतरे में आ गया था विधायकों का अस्तित्व

महाराष्ट्र के नवनियुक्त मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे दिल्ली दौरे पर हैं। उनके साथ महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी हैं। दोनों नेताओं ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके अलावा दोनों नेताओं ने दिल्ली में अब तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की है। मुलाकात के बाद एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस मीडिया के समक्ष आएं। एकनाथ शिंदे ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार के तहत हमारे विधायकों का अस्तित्व खतरे में आ गया था, तब हम बोल नहीं सकते थे इसलिए हमने यह कदम उठाया। भाजपा और शिवसेना का स्वाभाविक गठबंधन ही महाराष्ट्र को आगे ले जा सकता है।

एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि विकास की भूमिका लेकर हमने ये सरकार बनाई है। जो काम 2.5 साल पहले होना था वो अब हुआ है। उन्होंने कहा कि आज हम PM नरेंद्र मोदी से मिलेंगे और महाराष्ट्र के विकास के लिए उनका विजन जानेंगे। उन्होंने शपथ के वक्त कहा था कि महाराष्ट्र को कोई भी कमी नहीं होगी। दिल्ली में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस मेरी पार्टी ने मुझे पहले सीएम बनाया, अब पार्टी की जरूरत के हिसाब से हमने पार्टी के फैसले का पालन किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे हमारे नेता और सीएम हैं। हम उसके अधीन काम करेंगे। अन्याय पूर्ववत किया गया और हमारा प्राकृतिक गठबंधन पुनर्जीवित हो गया।

और फडणवीस ने 30 जून को पदभार ग्रहण किया था। उससे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के विधायकों के विद्रोह के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। महाराष्ट्र के दोनों नेताओं ने शुक्रवार देर रात गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और माना जा रहा है कि शाह के साथ चर्चा भाजपा एवं शिवसेना के शिंदे गुट के साथ सत्ता साझेदारी फार्मूले के इर्द-गिर्द केंद्रित रही। शिंदे ने शनिवार को यहां महाराष्ट्र सदन में छत्रपति शिवाजी, बी आर आंबेडकर और महात्मा ज्योतिबा फुले को पुष्पांजलि अर्पित कर दिन की शुरुआत की। शिंदे और फडणवीस का यह दिल्ली दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब शिंदे और उनके गुट के 15 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग संबंधी उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले शिवसेना धड़े की याचिका पर उच्चतम न्यायालय में 11 जुलाई को अहम सुनवाई होने वाली है।

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