गणेश गोदियाल और धन सिंह रावत करप्शन के आरोपों को लेकर आये आमने सामने
दिल्लीःउत्तराखंड की राजनीति में श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र से आने वाले दो दिग्गज नेताओं का झगड़ा प्रदेश में कांग्रेस और बीजेपी का झगड़ा बन चुका है. एक तरफ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल हैं, तो दूसरी तरफ कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत. दोनों नेताओं पर करप्शन के आरोपों ने राजनीति को गर्मा दिया है, तो दोनों ही एक दूसरे को दोषी बता रहे हैं. अब बात यहां तक आ पहुंची है कि गोदियाल ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी और रावत दोनों की जांच हाई कोर्ट के जज से करवाने की मांग कर राज्य सरकार को अल्टीमेटम भी दे डाला है.
दोनों ही नेता एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं और अब करप्शन के आरोपों पर भिड़ रहे हैं. असल में गोदियाल पर आरोप ये लगे हैं कि बद्री केदार मंदिर समिति के पूर्व अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार किया. पुष्कर सिंह धामी सरकार में कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने इस मामले में मुख्य सचिव को जांच करवाने को कहा, तभी से यह मामला सियासी हो गया. पलटवार करने के लिए शुक्रवार को गोदियाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और रावत पर करप्शन के कई आरोप मढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
गोदियाल ने मुख्यमंत्री धामी से मांग करते हुए कहा ‘मेरे और धन सिंह रावत पर लगे करप्शन के आरोपों की हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराई जाए. एक हफ्ते में अगर इस तरह की जांच के आदेश नहीं दिए जाते हैं, तो मैं सीएम धामी के घर के बाहर धरने पर बैठूंगा.’ इतना ही नहीं गोदियाल ने कॉपरेटिव, नर्सिंग भर्ती में घोटाले की बात बताते हुए रावत पर करप्शन के आरोप लगाए.