50 साल के हुए सौरव गांगुली उर्फ़ दादा , इंडिया को 20 साल बाद वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचाया था

दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के प्रेसिडेंट सौरव गांगुली आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। भारत के सबसे सफल कप्तानों में शुमार गांगुली ने 2000 में टीम की कप्तानी संभाली थी। कप्तान बनने के बाद उन्होंने टीम इंडिया को विदेशी पिचों पर जीतना सिखाया था। उन्होंने एक अंडरकॉन्फिडेंट टीम इंडिया की कमान संभाली और उसे ऊंचाइयों तक पहुंचाया था।

2004 में टीम इंडिया पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। यहां उन्हें 3 टेस्ट और 5 वनडे की सीरीज खेलनी थी। यह भारत का 15 साल में पहला पाकिस्तान दौरा था। पॉलिटिकल टेंशन के कारण 1989 के बाद टीम इंडिया पाकिस्तान खेलने नहीं गई थी। इस सीरीज को गांगुली की कप्तानी में टीम ने 2-1 से टेस्ट सीरीज और 3-2 से वनडे सीरीज अपने नाम की। चोट की वजह से गांगुली पहले 2 टेस्ट नहीं खेल पाए थे। तीसरे टेस्ट में गांगुली ने वापसी की और इस मैच को टीम इंडिया ने जीता था।

कराची में खेले गए पहले वनडे में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 349 रन बनाए। जवाब में पाकिस्तान की टीम 8 विकेट पर 344 रन ही बना सकी। आखिरी बॉल पर पाकिस्तान को ड्रॉ के लिए 6 रन चाहिए थे, पर टीम 1 रन ही बना सकी। अगले 2 मैच पाकिस्तान ने अपने नाम किए। भारत को सीरीज बचाने के लिए चौथे वनडे में जीत जरूरी थी।

2003 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया 1983 के बाद पहली बार फाइनल में पहुंची थी। टूर्नामेंट के दूसरे मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस मैच के बाद गांगुली की टीम ने साउथ अफ्रीका में तहलका मचा दिया।

भारत ने लगातार 8 मैच जीते। सुपर-6 में भारत ने न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हराया। सेमीफाइनल में भारत ने केन्या को हराकर फाइनल में जगह पक्की की। फाइनल में भारत के सामने ऑस्ट्रेलियाई टीम थी। भारतीय गेंदबाजी खराब रही और कंगारू टीम ने 50 ओवर में 359 रन बनाए। इसके जवाब में भारत ने 59 रन पर 3 विकेट गंवा दिए थे। सहवाग और द्रविड़ ने हालांकि पारी संभालने की कोशिश की। पर भारत यह मैच 125 रन से हार गया।

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