ब्रिटेन: 48 घंटों में 39 मंत्रियों का इस्तीफा,बोरिस जॉनसन पर भी है दबाव

दिल्लीः ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन की सरकार के सामने बड़ा संकट है. बीते 48 घंटे में कैबिनेट के 5 मंत्रियों समेत 39 मंत्रियों ने इस्तीफे दे दिए हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री जॉनसन पर भी कुर्सी छोड़ने का दबाव बढ़ गया है. पिछले महीने जिन दो मंत्रियों ऋषि सुनक और साजिद जाविद ने सरकार बचाने में अहम रोल अदा किया था, अब वे भी जॉनसन का साथ छोड़ चुके हैं. एक महीने में यह दूसरा मौका है जब बोरिस सरकार पर खतरा मंडरा रहा है.

स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद और भारतीय मूल के वित्त मंत्री ऋषि सुनक के इस्तीफों से मंत्रियों में शुरू हुई भगदड़ बुधवार को भी जारी रही. वित्तीय सेवा मंत्री जॉन ग्लेन, सुरक्षा मंत्री रिचेल मैक्लिएन, निर्यात और समानता मंत्री माइक फ्रीअर, हाउसिंग एंड कम्युनिटीज के जूनियर मंत्री नील ओब्रायन, शिक्षा विभाग के जूनियर मंत्री एलेक्स बुरघर्ट समेत 39 ने इस्तीफा देकर जॉनसन के प्रति अविश्वास जता दिया.

ब्रिटेन की सियासत में उठे तूफान से कुछ सवाल भी पैदा होते हैं. वहां आगे क्या होगा? क्या बोरिस को कुर्सी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा सकता है? और अगर जॉनसन इस्तीफा देते हैं तो नया प्रधानमंत्री कैसे चुना जाएगा?

पार्टीगेट मामले को लेकर पिछले महीने ही बोरिस जॉनसन ने विश्वास मत जीता था. कंजर्वेटिव पार्टी के नियमों के हिसाब से 12 महीने तक उनके खिलाफ दूसरा अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता. इस बीच अब जॉनसन की ही पार्टी के कुछ सांसद  चाहते हैं कि 12 महीने के इस इम्युनिटी पीरिएड को कम या खत्म किया जाए. कुछ सांसद तो ऐसे हैं जो बाकी कैबिनेट मंत्रियों से यह अपील कर रहे हैं कि मंत्रियों की तर्ज पर वो भी इस्तीफा दें. इसका सीधा सा मकसद बोरिस को इस्तीफे के लिए मजबूर करना है. ऐसे में अगर बोरिस जॉनसन बहुमत खोते हैं, तो वो इस्तीफा देकर नए सिरे से चुनाव का ऐलान भी कर सकते हैं.

ऐसे में हालात में बोरिस जॉनसन के पास तीन ऑप्शन हैं:-

पहला– जॉनसन ही फैसला करें कि वो इस्तीफा देंगे या नहीं. कई मंत्रियों ने दबाव तो बनाया है, लेकिन उन्होंने अब तक कोई फैसला नहीं लिया.

दूसरा- कुछ और मंत्री इस्तीफा देकर जॉनसन से कुर्सी छोड़ने की मांग करें. कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट में ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ और मंत्री जल्द कैबिनेट छोड़ेंगे.

तीसरा-पार्टी के 12 महीने इम्युनिटी वाले नियम को बदला जाए. इसके बारे में कई मंत्रियों ने सुझाव दिए हैं.

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