Bhopal: एमपी में हो रहे नगरीय चुनाव में इस बार एडवांस्ड ईवीएम का किया जा रहा इस्तेमाल

दिल्लीः मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान हो रहा है. मतदान में पारदर्शिता के लिए इस बार एडवांस तकनीक वाली ईवीएम का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस मशीन में डीएमएम (डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल) अटैच किया गया है. यह मोबाइल के सिम कार्ड की तरह है, जिसमें एक-एक वोट का रिकॉर्ड होगा. इसके डाटा को करीब 6 महीने तक सुरक्षित रखा जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह का कहना है कि इस बार चुनाव में जो ईवीएम इस्तेमाल की जा रही है वह एडवांस है. यह वह ईवीएम नहीं जो अभी तक लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की जाती थी. यह उनसे अलग है.

सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग चुनाव में जिस ईवीएम मशीन का उपयोग करता है उसमें कंट्रोल और बैलेट यूनिट रहती है, जबकि इस निकाय चुनाव में उपयोग होने वाली कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट में अलग से डिटैचेबल मेमोरी मॉड्यूल (डीएमएम) है, जिसमें हर एक वोट का रिकॉर्ड होगा. इन ईवीएम मशीनों का इस्तेमाल चुनावों में एक से ज्यादा बार किया जा सके, इसिलए राज्य निर्वाचन आयोग ने डीएमएम का उपयोग किया है. इसका मकसद यही है कि ईवीएम की कंट्रोल और बैलट यूनिट का एक से ज्यादा बार उपयोग किया जा सके. चुनाव पारदर्शिता से हो, इसके लिए प्रत्येक कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट और डीएमएम की पहचान के लिए एक यूनिक आईडी नंबर है. कंट्रोल यूनिट को ऑन करने पर उस में लगी हुई डीएमएम का यूनिक आईडी नंबर डिस्प्ले होगा.

राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश सिंह ने बताया कि चुनाव के समय ईवीएम की कमीशनिंग की गई है. ईवीएम में उम्मीदवार और एजेंट को डीएमएम का यूनिक आईडी नंबर बताया जाएगा. उसके हिसाब से फिर मतदान के पहले मॉकपोल, मतदान, मतगणना और डीएमएम की सीलिंग प्रक्रिया की जाएगी. मतदान का जो भी डाटा कंट्रोल यूनिट में स्टोर होगा, वही डाटा कंट्रोल यूनिट में लगी डीएमएम में भी रिकॉर्ड होगा. मतगणना के बाद कंट्रोल यूनिट से डीएमएम को निकालकर सीलबंद कर रिकॉर्ड रूम में रख दिया जाएगा. डीएमएम को रिकॉर्ड रूम में रखने के बाद कंट्रोल यूनिट का अगले चरण में उपयोग किया जा सकेगा.

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