कांग्रेस का दावा, लंबे समय तक नहीं चलेगी शिंदे सरकार, एचके पाटिल बोले- हम MVA के साथ

भले ही महाराष्ट्र में राजनीतिक उठापटक का दौर थम गया है। लेकिन कहीं ना कहीं बयानबाजी का सिलसिला कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आज कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी एचके पाटिल ने दावा किया है कि एकनाथ शिंदे की सरकार ज्यादा लंबे समय तक नहीं टिक पाएगी। हालांकि, ऐसा नहीं है कि सिर्फ कांग्रेस की ओर से ही यह दावा किया जा रहा है। इससे पहले महाराष्ट्र की राजनीति के भीष्म पितामह माने जाने वाले शरद पवार ने भी कुछ ऐसा ही दावा किया था। एचके पाटिल ने आज अपने बयान में कहा कि मेरे लिए, ऐसा लगता है कि यह सरकार (एकनाथ शिंदे सरकार) लंबे समय तक नहीं चलेगी … यह सरकार काम नहीं कर पाएगी … कई भ्रम और विरोधाभास हैं। 

एचके पाटिल ने आगे कहा कि शिवसेना विधायक बेचैन हैं… जिस तरह से उन्होंने इतनी यात्रा की है, उससे पता चलता है कि वे एकजुट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कुछ रिपोर्टें देखीं जिनमें कहा गया था कि कांग्रेस के महाराष्ट्र में एमवीए गठबंधन से बाहर निकलने की संभावना है। यह गलत है। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने न तो इस पर चर्चा की और न ही कुछ तय किया। अफवाहें सच्चाई से कोसों दूर हैं। एमवीए गठबंधन स्थिर है। इसके साथ ही एचके पाटिल ने कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने जिस तरह से पार्टी (शिवसेना) को तोड़ने का नया प्रयोग किया है, वह बीजेपी के ‘ऑपरेशन कमल’ का उदाहरण है. कांग्रेस एमवीए के साथ है, और 3-पार्टी गठबंधन बरकरार है। आज हम सभी ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव होने की संभावना है, क्योंकि शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली राज्य सरकार अगले छह महीने में गिर सकती है। पवार ने रविवार शाम को राकांपा विधायकों और पार्टी के अन्य नेताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही। बैठक में शामिल राकांपा के एक नेता ने पवार के हवाले से कहा, ‘‘महाराष्ट्र में नवगठित सरकार अगले छह महीनों में गिर सकती है, इसलिए सभी को मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि पवार ने कहा है कि शिंदे का समर्थन कर रहे कई बागी विधायक मौजूदा व्यवस्था से खुश नहीं हैं। मंत्रियों को विभागों का बंटवारा होने के बाद उनका असंतोष सामने आएगा, जिसके परिणामस्वरूप अंततः सरकार गिर जाएगी।

जुलाई महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को राज्य विधानसभा में शक्ति परीक्षण में जीत हासिल कर ली। 288 सदस्यीय सदन में 164 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि 99 विधायकों ने इसके खिलाफ मतदान किया। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विश्वास मत को बहुमत मिलने की घोषणा की। हाल में शिवसेना के एक विधायक के निधन के बाद विधानसभा में विधायकों की मौजूदा संख्या घटकर 287 हो गई है, इसलिए बहुमत के लिए 144 मतों की आवश्यकता थी। शिंदे ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के एक दिन बाद 30 जून को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शक्ति परीक्षण से पहले ठाकरे के खेमे से शिवसेना के एक और विधायक संतोष बांगर शिंदे के धड़े में चले गए। बांगर हिंगोली जिले के कलमनुरी से विधायक हैं। इसके साथ ही शिंदे के धड़े में अब पार्टी के विधायकों की संख्या 40 हो गई है।

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