चीन को गिलगित-बाल्टिस्तान बेचने जा रहा पाकिस्तान

दिल्लीः दुनिया से उपेक्षित पाकिस्तान का गिलगित-बाल्टिस्तान इलाका इन दिनों चर्चा में है. ये इलाका भविष्य में दुनिया के ताकतवर देशों के बीच जंग का मैदान बन सकता है. काराकोरम नेशनल मूवमेंट के अध्यक्ष मुमताज नागरी ने कहा कि पाकिस्तान बढ़ते कर्ज का भुगतान करने के लिए गिलगित बाल्टिस्तान को चीन को लीज पर दे सकता है. नागरी के मुताबिक स्थानीय लोग इस बात को लेकर डरे हुए हैं. अल अरबिया की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, ‘गिलगित बाल्टिस्तान आने वाले समय में वैश्विक शक्तियों के लिए प्रतिस्पर्धा का केंद्र बन सकता है.’ भारत के अभिन्न हिस्से गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है.

पाकिस्तान 19 हजार करोड़ रुपये के कर्ज के बदले चीन को गिलगित-बाल्टिस्तान बेचने जा रहा है. पहले कुछ साल इसे पट्टे पर दिया जाएगा. लोन नहीं चुकाया गया, तो चीन इसे अपने पास रख लेगा.

अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो गिलगित-बाल्टिस्तान चीन के दक्षिण एशियाई विस्तार सीपीईसी (चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) के लिए एक ‘वरदान’ साबित होगा. इस कदम से पाकिस्तान को पैसा मिलेगा जिसकी उसे फिलहाल सबसे ज्यादा जरूरत है. पाकिस्तान एक गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और इससे निपटने के लिए उसे आर्थिक मदद की जरूरत है. हालांकि, यह कदम अमेरिका को नाराज कर सकता है जिससे आईएमएफ बेलआउट डील से इनकार या देरी हो सकती है.

31 अक्टूबर 1947 को राजा हरि सिंह ने पाकिस्तान के हमले के बाद जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय कर दिया. लेकिन गिलगित-बाल्टिस्तान के स्थानीय कमांडर कर्नल मिर्जा हसन खान ने 2 नवंबर 1947 को विद्रोह कर दिया.

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