बिहार में भी सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूरी तरह से लगी रोक

दिल्लीः बिहार में शुक्रवार से सिंगल यूज प्लास्टिक और उससे बनी सामग्री, पॉलीथिन के बैग और थर्मोकोल के प्लेट-कटोरी की बिक्री नहीं होगी। एक जुलाई से पूरे देश में इस पर प्रतिबंध लागू हो गया है। वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की तरफ से इन सभी के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। यानी कि आज से आप बाजार में सामान लेने जाएं, तो घर से कपड़े या जूट का थैला लेकर निकलें। क्योंकि दुकानों और सुपरमार्केट में पॉलीथिन के कैरी बैग नहीं मिलेंगे। रोक के बावजूद अगर सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करेगा तो एक लाख रुपये तक के जुर्माने और जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।

आदेश के अनुसार सिंगल यूज प्लास्टिक के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक रहेगी। विभाग की तरफ से इस संबंध में 6 महीने पहले 16 दिसंबर को ही अधिसूचना जारी कर दी गई थी। हालांकि कम प्लास्टिक की परत वाले कागज के कप का इस्तेमाल जारी रहेगा। उन्हीं प्लास्टिक और थर्मोकॉल पर प्रतिबंध रहेगा, जो केंद्र की अधिसूचना में हैं। 

एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करते पकड़े जाने पर आम लोगों पर 500 से 2000 रुपये और औद्योगिक स्तर पर इसका उत्पादन, आयात, भंडारण और बिक्री करने वालों पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंड का प्रावधान होगा। ऐसे व्यवसायियों और उद्यमियों पर 20 हजार से लेकर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, या पांच वर्ष तक की जेल या फिर दोनों सजाएं दी जा सकती हैं। 

प्लास्टिक-थर्माकोल के इन उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध
– थर्मोकोल एवं प्लास्टिक प्लेट, कप, गिलास, कांटा, चम्मच, चाकू, स्ट्रॉ, ट्रे
– मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण कार्ड और सिगरेट पैकेट के इर्द-गिर्द लपेटने या पैक करने वाली प्लास्टिक कोटेड फिल्में
– थर्मोकोल की सजावटी सामग्री, प्लास्टिक स्टिक युक्त ईयर बड्स, बैनर, सौ माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर
– गुब्बारों में लगाई जाने वाली प्लास्टिक की डंडिया, कैंडी स्टिक, आइसक्रीम की प्लास्टिक की डंडिया, प्लास्टिक के झंडे आदि।

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