अब एक्टिंग की पढ़ाई के लिए भी मिलेगी डिग्री,मुहिम शुरू

दिल्लीः देश और विदेश के प्रमुख नाट्य प्रशिक्षण केंद्रों में से एक नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा आने वाले समय में मानद विश्वविद्यालय (डीम्ड यूनिवर्सिटी) का दर्जा लेने की तैयारी कर रहा है। इसके बाद यह अपने यहां पास होने वाले छात्रों को परास्नातक की डिग्री भी दे सकेगा।

इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मान्यता आवश्यक है। एनएसडी के कार्यकारी निदेशक प्रो. एससी गौड़ ने बताया कि विश्वविद्यालय या राष्ट्रीय महत्व का संस्थान नहीं होने के कारण हम यहां से स्नातक की पढ़ाई करने वाले छात्र को परास्नातक की डिग्री नहीं दे पाते हैं। उससे कारण यहां से पढ़ाई करने वाले छात्रों को अभिनय या उससे जुड़े कार्यों के अलावा अन्य क्षेत्रों में कार्य करने की सहूलियत होगी।

प्रो. गौड़ बताते हैं कि देश के कुछ संस्थान हैं जो यहां से डिप्लोमा करने वाले छात्रों को पीजी की डिग्री की मान्यता देते हैं, लेकिन कई संस्थान नहीं देते हैं। यूजीसी यदि हमें विश्वविद्यालय की मान्यता देता है तो इससे छात्रों के लिए कई रास्ते खुलेंगे।

हम रिसर्च एंड डेवलेपमेंट की दिशा में भी काम कर सकते हैं, इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि इसे डीम्ड विश्वविद्यालय या राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बनाया जाए। इसको लेकर हाल में हुई समिति की बैठक में सदस्यों के बीच सहमति भी है। एनएसडी के कार्यवाहक निदेशक का कहना है कि हमें उम्मीद है कि जल्द ही यह पूरा हो जाएगा। जल्द ही एनएसडी रिपर्टरी को नया निदेशक मिल जाएगा।

एनएसडी के कार्यकारी निदेशक प्रो.एससी गौड़ ने बताया कि एनएसडी के पाठ्यक्रम की समीक्षा भी हो रही है। जल्द ही इसे एनएसडी की वेबसाइट पर डाल दिया जाएगा। जिससे एनएसडी के छात्र, शिक्षक के अलावा अन्य लोग भी इस पर अपनी राय दे सकेंगे। पाठ्यक्रम को व्यवस्थित किया गया है। इसे प्राचीन, मध्य और आधुनिक काल में विभाजित किया गया है। मेरी जानकारी में यह पहली बार है जब एनएसडी के पाठ्यक्रम की समीक्षा न केवल एनएसडी से जुड़े लोग बल्कि बाहरी विशेषज्ञ भी कर रहे हैं। इसमें 20 फीसदी सैद्धांतिक पक्ष होगा और 80 फीसदी प्रयोगात्मक होगा।

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