‘ठाकरे परिवार को नहीं दे सकते सलाह’, MVA नेता बोले- समय से 10 साल आगे है आदित्य की राजनीति
दिल्लीः मुंबई। महाराष्ट्र में जारी सियासी ड्रामा को एक सप्ताह से ज्यादा समय हो चुका है लेकिन यह अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शामिल समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे के बर्ताव पर सवाल खड़ा किया है। आपको बता दें कि एमवीए में एनसीपी, कांग्रेस समेत 7 दल शामिल हैं। ऐसे में सपा नेता ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। इससे पहले बागी विधायक तो हमला बोल ही रहे थे।
अंग्रेजी समाचार वेबसाइट ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के मुताबिक, भिवंडी पूर्व से सपा विधायक और बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के दो बार के पार्षद रईस शेख ने प्रदेश की मौजूद स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एमवीए सरकार का हिस्सा बनना हमारे लिए एक कठिन सफर रहा है। उन्होंने कहा कि पार्टियों के बीच वैचारिक विभाजन होने के बाद भी कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (सीएमपी) का मसौदा तैयार किया गया था, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि हम आम जमीन पर मिलें। जबकि सीएमपी को जल्द ही भुला दिया गया और यहीं से समस्या शुरू हुई।
उन्होंने कहा कि हर विधायक जो मंत्री नहीं था उसे दरकिनार कर दिया गया। प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप था। मेरे निर्वाचन क्षेत्र में हारने वाले विधायकों के अनुरोध पत्र पर मुख्यमंत्री ने राशि देना शुरू किया। जमीनी स्तर पर लगभग हर कोई शिकायत कर रहा था। यदि वे कहते हैं कि यह वर्तमान स्थिति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के डर से या हिंदुत्व के कारण उत्पन्न हुई है तो वे दिवास्वप्न हैं। सपा विधायक ने बताया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को स्वीकार नहीं करने वालों के बीच असंतोष था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आदित्य ठाकरे ने भी किसी से मुलाकात नहीं की।