सांप ने बच्चे को काटा तो घरवालो ने बनाया बंधक
दिल्लीः अभी तक आपने इंसानों को बंधक बनाने का मामला सुना होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ग्रामीण ने सर्प को बंधक बना लिया। दरअसल, कोबरा सांप ने घर के आंगन में खेल रहे बच्चे को काट लिया। बच्चे के पिता ने गुस्से में आकर सांप को मछली पकड़ने के जाली से पकड़ा और उसे प्लास्टिक के धमेला में बंद कर दिया। बच्चे को माता-पिता अस्पताल लेकर गए और उपचार शुरू करवाया। ग्रामीण ने सोच रखा था कि अगर उसके बच्चे को कुछ हुआ तो सांप से बदला लेगा। एंटी वेनम इंजेक्शन से बच्चे की जान बच गई और 4 दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी मिली। तब जाकर सांप को ग्रामीण ने छोड़ा।
बरसात का मौसम शुरू होते ही विषैले जीव-जंतु विचरण करने बाहर निकलने लगे हैं। 4 दिन पहले कोरबा जिले के ग्राम कनकी निवासी गंगाराम के घर एक कोबरा सांप पहुंच गया। आंगन में रखी लकड़ी के पास कोबरा छुपकर बैठा था। खेलते-खेलते मासूम लकड़ी के पास पहुंच गया। सांप ने मासूम को काट लिया। इसके बाद घर में कोहराम मच गया। बच्चे को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर गए। अस्पताल जाने से पहले गुस्साए घर वालों ने सांप को मछली पकड़ने के जाल में फंसाया और घर के अंदर एक प्लास्टिक की तगाड़ी उस पर रख दिया। सांप भाग न पाए इसके लिए ऊपर से एक झउंहा (लकड़ी से बना टोकरी) ढक दिया और फिर उसके ऊपर अनाज की एक बोरी को रख दिया।
कोबरा को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया
परिजनों ने सोच रखा था कि अगर बच्चे को कुछ हुआ तो सांप से बदला लिया जाएगा। घर में सांप को बंधक बनाए जाने की सूचना सर्प मित्र जितेंद्र सारथी को मिली तब वह गांव पहुंचे। उसने बच्चे के परिजनों से सर्प को छोड़ने का आग्रह किया, लेकिन घर के लोगों ने देने से साफ मना कर दिया। 4 दिन बाद बच्चा स्वस्थ होकर घर लौटा, तब परिजनों से सर्प मित्र जितेंद्र ने फिर सांप को छोड़ने का आग्रह किया। इसके बाद गंगाराम मान गया। ग्रामीणों को लग रहा था कि कोबरा 4 दिनों में मर गया होगा। प्लास्टिक का धमेला हटाया गया तो कोबरा में हलचल हो रही थी। जितेंद्र सारथी ने सांप को सुरक्षित रेस्क्यू किया और जंगल में छोड़ दिया।