हरी पत्तेदार सब्जी जो स्किन के लिए है लाजवाब

अगर आप ऐसी कोई हरी पत्तेदार सब्जी ढूंढ रहीं हैं, जो न केवल आपका वेट लॉस करे, बल्कि आपकी त्वचा को भी जवां बनाए रखे, तो जलकुंभी आपके लिए परफेक्ट है। औषधीय गुणों के कारण भारत में इसका प्रयोग सदियों से होता आया है।

भारत सहित दुनिया भर के कई देशों में इसका उपयोग सलाद, सूप और स्ट्यू में भी होता है। जबकि खास पोषक तत्वों के कारण हमारे पारंपरिक आहार में इसे शामिल किया जाता रहा है।

क्या है जलकुंभी 

आम तौर पर जब हम सुपर मार्केट या वेजिटेबल शॉप में हरी पत्तेदार जलकुंभी (Watercress) को देखते हैं, तो इसे लेने से बचते हैं। मेथी के पत्ते की तरह इसे काटना, धोना टाइम टेकिंग लगता है।  जलकुंभी पानी में उगने वाला पौधा है, जो एशिया और यूरोप महादेश में पाया जाता है।

यह सबसे पुरानी हरी पत्तेदार सब्जी है, जिसका प्रयोग प्राचीन समय से होता आया है। इसका खोखला तना पानी के ऊपर तैरता नजह आता है। आयुर्वेद में माना जाता है कि इसे कच्चा या स्टीम में पकाकर खाया जाए, तो इसके फायदे बहुत अधिक हैं। इसका बाॅटेनिकल नाम Nasturtium officinale है।

जलकुंभी का पोषण मूल्य 

वॉटरक्रेस यानी जलकुंभी में फोलेट, मैंगनीज, पैंटोथेनिक एसिड, थायमिन, कैल्शियम, आयरन, सोडियम, मैग्नीशियम और विटामिन ई भी होता है। ये सभी पोषक तत्व स्किन के लिए बहुत फायदेमंद है। 

काब्र्स : 0.4 ग्राम

प्रोटीन : 0.8 ग्राम

फैट : 0 ग्राम

विटामिन ए : डेली इनटेक का 22 % पाया जाता है।

यहां जानिए क्यों आपकी त्वचा के लिए फायदेमंद है जलकुंभी

1 कोलेजन उत्पादन बढ़ाता है

हमारे चेहरे पर उम्र के निशान तभी दिखते हैं, जब कोलेजन का लॉस होने लगता है। इसकी वजह से चेहरा कांतिहीन होने लगता है और त्वचा ढीली पड़ने लगती है। स्किन पर रिंकल्स आ जाते हैं। जलकुंभी या वॉटरक्रेस कोलेजन उत्पादन को बढ़ा देता है।

स्किन के ऐसे एरिया, जो कोलेजन की कमी के कारण क्षतिग्रस्त हो गए हैं, इसके नियमित सेवन से ठीक हो जाते हैं। आयुर्वेदिक दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों में जलकुंभी के अर्क और सत्व का प्रयोग किया जाता रहा है। यह कोलेजन प्रोडक्शन के लिए डर्मल सेल को प्रेरित करता है।

2 दूर करता है स्किन इंफेक्शन
कम कैलोरी और हाई फाइबर वाली जलकुंभी में विटामिन और मिनरल्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें डायटरी नाइट्रेट्स पाए जाते हैंए जो ब्लड वेसल्स में सूजन और स्टिफनेस को कम करते हैं। इससे एक्नेए वार्ट्सए सोरायसिस और एग्जिमा जैसी स्किन संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। इसमें मौजूद विटामिन ए और सी त्वचा को ऑक्सीडेटिव क्षति और फोटोएजिंग से बचाते हैं। विटामिन सी की 72 प्रतिशत डेली रिक्वॉयरमेंट जलकुंभी पूरा कर सकती है। इससे स्किन रिंकल फ्री और यंग दिख सकती है।

3 पिंपल्स से निजात दिलाती है
पिंपल्स को खत्म करने के लिए इसे पीसकर स्किन पर लगाया भी जा सकता है। रेडनेस और इन्फ्लेमेशन को कम करके यह नई स्किन सेल्स को बढ़ावा देती है। इससे दाग.धब्बे भी दूर होते हैं। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत कर पिंपल्स पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ने में मददगार है।

विटामिन ए और बीटा कैरोटिन भरपूर मात्रा में होने के कारण यह आंखों के लिए भी फायदेमंद है। यह आंखों के नीचे के डार्क सर्कल्स को भी दूर करने में मदद करता है।

इसमें दो पावरफुल एंटीऑक्सिडेंट होते हैं-ल्यूटिन और जेक्सैन्थिन। ये दोनों कैरोटीनॉयड और लिपिड एंटीऑक्सिडेंट हैं।कैरोटीनॉयड एंटीऑक्सिडेंट हमें हानिकारक फ्री रैडिकल्स से बचाने में मदद करते हैं। जबकि लिपिड एंटीऑक्सिडेंट शरीर को कैरोटीनॉयड का बेहतर उपयोग करने में मदद करते हैं।

जलकुंभी में पानी की मात्रा अधिक होती है। कम कैलोरी और हाई फाइबर होने के कारण यह वेट लॉस में मददगार है। यह लीवर के साथ-साथ पूरे शरीर को डिटॉक्स करती है। इसलिए सलाद और सूप के अलावा आप चाहें, तो इसे साग के रूप में भी खा सकती हैं। वॉटरक्रेस हेयर डेवलपमेंट में मदद करने वाले हार्मोन को संतुलित करती है।

जलकुंभी का रस या अर्क सिर पर लगाने से बाल बढ़ने में मदद मिल सकती है। यह बालों का टूटना-झड़ना कम कर सकती है और स्कैल्प हेल्थ में सुधार लाती है।

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