रणजी ट्रॉफी : मध्यप्रदेश 23 साल बाद फाइनल में पहुंची

दिल्ली: मध्यप्रदेश ने सेमीफाइनल में बंगाल को 174 रन से हराकर रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है। अब फाइनल में उसका मुंबई से होगा। आखिरी बार मध्यप्रदेश ने 1999 में रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेला था। दूसरे सेमीफाइनल में मुंबई ने यूपी को पहली पारी में बढ़त के आधार पर हराया।

मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 341 रन बनाए थे जिसके जवाब में बंगाल की टीम 273 रन ही बना सकी। पहली पारी के आधार पर मध्यप्रदेश ने 68 रन की बढ़त हासिल हुई। इसके बाद दूसरी पारी में मध्यप्रदेश ने 281 रन का स्कोर खड़ा किया। बंगाल के सामने जीत के लिए 350 रन का टारगेट था, लेकिन दूसरी पारी में बंगाल की टीम केवल 175 रन ही बना सकी।

पहली पारी के आधार पर मध्यप्रदेश ने 68 रन की बढ़त हासिल हुई। इसके बाद दूसरी पारी में मध्यप्रदेश ने 281 रन का स्कोर खड़ा किया। बंगाल के सामने जीत के लिए 350 रन का टारगेट था, लेकिन दूसरी पारी में बंगाल की टीम केवल 175 रन ही बना सकी।

मध्य प्रदेश की तरफ से पहली पारी में 165 रन जड़ने वाले सलामी बल्लेबाज हिमांशु मंत्री को मैन ऑफ द मैच चुना गया। वहीं, कुमार कार्तिकेय ने दूसरी पारी में 5 विकेट झटके।

मध्य प्रदेश ने पहली पारी में मंत्री के शतक और अक्षत रघुवंशी के शानदार 63 रनों की बदौलत ही 341 रनों का स्कोर बना पाई। इसके जवाब में बंगाल की ओर से मनोज तिवारी (102) और शाहबाज अहमद (116) के शतकों के बाजवूद 272 रन पर ही सिमट गई। मध्य प्रदेश के लिए दूसरी पारी में कप्तान आदित्य श्रीवास्तव (82) और रजत पाटीदार (79) के अर्धशतकों की बदौलत एमपी दूसरी पारी में 281 रन बनाने में सफल रही। इससे पहले 1999 में एमपी की टीम ने कर्नाटक के खिलाफ एकमात्र फाइनल खेला है।

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