जिला अस्पताल के कर्मचारी ने विधि विधान के साथ किया 600 अस्थि कलश का विसर्जन
दिल्लीः जिले में पिछले कई सालों से अज्ञात या लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार के बाद उनके अस्थि कलश विसर्जन का इंतजार कर रहे थे. अपने जीवन और उसके बाद मौत के अंतिम पड़ाव को पार करने के लिए इंतजार कर रहे इन अस्थि कलशों का आखिर विसर्जन हुआ और वो भी पूरे विधि विधान के साथ. ये कार्य जिला अस्पताल के ही कर्मचारी पीएन सिंह और उनके परिवार ने किया. सिंह ने बताया कि अस्थि विसर्जन के साथ ही पूजा पाठ के बाद गरीब लोगों के लिए भोज का भी आयोजन किया गया.
सिह हने बताया कि वे ये काम लंबे समय से करते आ रहे हैं और न केवल अस्थि कलश का विर्जन ही बल्कि वे लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार भी करते हैं और उसका पूरा खर्च भी उठाते हैं. इसमें उनका परिवार भी साथ देता है.
जिला अस्पताल में बने लावारिस घर में रखे 600 से ज्यादा कलशों का विसर्जन करने से पहले उनका विधि विधान से पूजन किया गया. इसके बाद नदी में सभी कलशों को विसर्जित किया गया. इसके बाद गरीब लोगों के लिए भोज का भी आयोजन किया गया. इस पूरे काम में सिंह की मदद जिला अस्पताल के अनरू लोग भी करते हैं. सिंह ने बताया कि ये वे होते हैं जो परिवार से बिछड़े हुए होते हैं और मृत अवस्था में मिलते हैं. इनके शव को कोई नहीं ले जाता है. बाद में इनका अंतिम संस्कार किया जाता है.
वहीं सिंह उनकी पत्नी और उनका बेटा लावारिस मिली लाशों के अंतिम संस्कार का पूरा खर्च ही नहीं उठाते बल्कि खुद पूरे विधि विधान के साथ इस संस्कार को निभाते भी हैं. वे लावारिस मिली लाशों के अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें मुखाग्नि भी देते हैं. इसके बाद इनकी अस्थियों को चुनने का काम भी करते हैं और बाद में कलश को जिला अस्पताल में भी लावारिस घर में रखा जाता है. बाद में इनका विसर्जन कर दिया जाता है. सिंह ने बताया कि ये काम करने से उन्हें संतोष मिलता है. किसी के परिवार का पता न होने के चलते इन लोगों का अंतिम संस्कार भी सही तरीके से नहीं होता बस इसी के चलते मेरा पूरा परिवार इस काम को विधि विधान के साथ करता है.