छत्तीसगढ़: मानसून में है देरी,गर्मी से रहना होगा कुछ और दिन बेहाल
दिल्लीः छत्तीसगढ़ में गर्मी ने हलाकान कर रखा है। प्रदेश के लोग मानसून की बारिश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 15 जून की शाम तक मानसून के बस्तर पहुंचने का अनुमान था। अब तय समय से 2 दिन विलंब से छत्तीसगढ़ में मानसून के प्रवेश करने की संभावना है। छत्तीसगढ़ की तरफ बढ़ने वाले मानसूनी बादल अभी आंध्र व तेलंगाना के दक्षिणी भाग में सक्रिय हैं। कमजोर सिस्टम की वजह से बादल आगे नहीं बढ़ रहे हैं। तेलंगाना, कर्नाटक व आंध्र प्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है। मानसून बस्तर प्रवेश करने के 3 दिनों बाद राजधानी रायपुर तक पहुंचता है और सप्ताहभर में पूरे प्रदेश में सक्रिय हो जाता है।
बता दें केरल तट पर इस बार मानसून समय से 3 दिन पहले पहुंचा था। इससे अनुमान लगाया जा रहा था कि 15 जून शाम तक मानसून छत्तीसगढ़ प्रवेश कर जाएगा, लेकिन मानसून के छत्तीसगढ़ पहुंचने में अभी 2 दिनों का और वक्त लग सकता है। महाराष्ट्र व कर्नाटक से होकर मानसून आंध्र व तेलंगाना तक पहुंच गया है। मौसम केंद्र का अनुमान है कि मानसून पहले मध्य प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में पहुंचेगा, क्योंकि उसका रुख बदल गया है। छत्तीसगढ़ के पश्चिमी क्षेत्र में इसके प्रभाव से बारिश की संभावना है। वहीं छत्तीसगढ़ के दक्षिणी हिस्से यानी बस्तर संभाग में शुक्रवार को मानसून पहुंचने की संभावना है
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश से असम तक स्थित है। एक उत्तर-दक्षिण द्रोणिका दक्षिण बिहार से दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश तक स्थित है। इसके प्रभाव से 16 जून को प्रदेश के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक दो स्थानों पर गरज चमक के साथ वज्रपात और अंधड़ भी चल सकती है। बारिश का सिलसिला प्रदेश में लगातार बने रहने की उम्मीद है। यह मानसूनी बारिश नहीं है। मानसून का एक अलग सिस्टम बना हुआ है, जिसके प्रभाव से बस्तर, रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर, बलरामपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, महासमुंद, दुर्ग, कबीरधाम, बेमेतरा, राजनांदगांव, दुर्ग और बालोद जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश हुई है।