वसीम रिजवी को शिया वक्फ बोर्ड सदस्य पद से हटाया गया

दिल्लीः

उत्तर प्रदेश के शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड में दो परिवर्तन किए गए हैं। टीले वाली मस्जिद के इमाम सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने मौलाना अब्दुल मन्नान रहमानी को उनके पद से बर्खास्त कर दिया है। उनके तकरीर और नमाज पढ़ने पर पाबंदी लगा दी गई है। वहीं शिया बोर्ड ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी को पद से हटा दिया है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र त्यागी को शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य पद से हटा दिया है।

वसीम रिजवी 2021 में कोर्ट से बोर्ड के सदस्य बने थे। हिंदू धर्म अपनाने के बाद शिया वक्फ बोर्ड की ओर से उनको सदस्य पद से हटाए जाने को लेकर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को पत्र भेजा गया था।

बीते दिनों जुमे की नमाज के बाद टीले वाली मस्जिद पर नारेबाजी की गई थी। इसके बाद प्रशासन की तरफ से आपत्ति जताई गई थी। उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल बोर्ड के कार्यालय की तरफ से जारी किए गए पत्र में यह जानकारी दी गई है कि जुमे की नमाज कुशवाहा तकरीर नमाज ए मौलाना वासी हसन या सैयद इम्तियाज हुसैन और फैजी द्वारा पढ़ाई जाएगी। इन दोनों व्यक्तियों के अलावा किसी भी व्यक्ति द्वारा मस्जिद में किसी प्रकार की तकरीर नहीं की जाएगी।

6 दिसंबर 2021 को वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म को छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया और जितेंद्र नारायण त्यागी नाम रखा। गाजियाबाद में डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें सनातन धर्म में शामिल कराया था। इसके बाद शिया वक्फ बोर्ड के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। वसीम रिजवी ने अपने वीडियो में कहा था कि आज मैंने शिया वक्फ बोर्ड के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है। हाल ही में हिंदू धर्म अपनाने के बाद वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी ने कहा था कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया था। मेरे सिर पर हर शुक्रवार को इनाम बढ़ा दिया जाता है, इसलिए मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं।

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