बाइक रोका और जा कूदा बहन की जलती चिता में चचेरा भाई,

दिल्लीः

मध्यप्रदेश के सागर के नजदीक मझगुवां गांव में एक युवक ने चचेरी बहन की चिता पर लेटकर जान दे दी। बहन की कुएं में गिरने से मौत हो गई थी। खबर मिलते ही 430 किलोमीटर दूर धार से उसका चचेरा भाई घर लौटा। यहां सीधे श्मशान घाट जाकर जलती चिता को प्रणाम कर उस पर लेट गया। आग में झुलसने से अस्पताल ले जाते वक्त उसकी भी मौत हो गई।

36 घंटे बाद परिजन ने रविवार सुबह बहन की चिता के पास ही उसका भी अंतिम संस्कार कर दिया। यह गांव सागर से 20 किमी दूर है।

ज्योति उर्फ प्रीति (21) गुरुवार शाम 6 बजे वह खेत पर गई थी, लेकिन तीन घंटे तक वापस नहीं आई। ज्योति के बड़े भाई शेरसिंह ठाकुर ने बताया कि खेत पर सब्जियां लगी हैं। ज्योति शाम को सब्जियां लेने के लिए जाती थी, लेकिन देर तक नहीं लौटी तो हमने सोचा किसी सहेली के घर गई होगी। फिर गांव में रात 12 बजे तक तलाश की लेकिन पता नहीं चला।

शुक्रवार सुबह 9 बजे ज्योति के पिता भोले सिंह खेत गए। उन्हें अंदेशा हुआ कि ज्योति कुएं में न गिर गई हो तो कुएं में मोटर लगाकर पानी खाली कराया। दो घंटे बाद 11 बजे कुएं में ज्योति के कपड़े दिखाई देने पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने ज्योति का शव कुएं से बाहर निकाला और पीएम के लिए भेजा। इसकी खबर ज्योति के धार में रह रहे चचेरे भाई करण ठाकुर (18) को लगी तो वह बाइक से सागर के लिए निकल पड़ा।

बहेरिया थाना प्रभारी दिव्य प्रकाश त्रिपाठी ने बताया पोस्टमॉर्टम के बाद ज्योति का शव परिजन को शुक्रवार शाम को सौंप दिया। इसके बाद परिजन ने गांव के पास ही श्मशान घाट में उसका अंतिम संस्कार किया। ज्योति के बड़े भाई शेर सिंह ने बताया शुक्रवार शाम 6 बजे अंतिम संस्कार के बाद गांव के सभी लोग घर लौट आए। तब तक करण ठाकुर वहां नहीं पहुंचा था।

शनिवार सुबह 11 बजे गांव के ही कुछ लोगों ने बताया कि ज्योति की चिता के पास उसका भाई आग में झुलसा पड़ा है। करण धार से अक्सर मझगुवां गांव आया-जाया करता था, इसलिए गांव के कुछ लोग भी करण को जानते थे।

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