केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया , किसानो को मिली राहत

दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान लगातार तीसरे साल सरकार ने खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाया है। कैबिनेट की बैठक में खरीफ की 14 फसलों की 17 वैरायटियो की नई MSP को मंजूरी दे दी। तिल की MSP 523 रु., तुअर और उड़द दाल की 300 रुपए बढ़ाई गई है। धान (सामान्य) की MSP पिछले साल के 1,940 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2,040 रुपए प्रति क्विंटल की गई है यानी 100 रुपए ज्यादा। MSP का बजट बढ़कर 1 लाख 26 हजार हो गया है।

बाजरा पर MSP बढ़ाकर 2250 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2350 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। इसके अलावा सोयाबीन का समर्थन मूल्य 3950 रुपए से बढ़ाकर 4300 रुपए किया गया है।

MSP वह न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी गारंटेड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का किसानों पर असर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे।

सरकार हर फसल सीजन से पहले सीएसीपी यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेस की सिफारिश पर एमएसपी तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती है, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। यह एक तरह से कीमतों में गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।

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