आरएलपी ने किया सुभाष चंद्रा को समर्थन का ऐलान, आम आदमी पार्टी ने लगाया 40 करोड़ लेने का आरोप

दिल्लीः राजस्थान में आम आदमी पार्टी ने आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीलाल पर सुभाष चंद्रा से 40 करोड़ रुपये लेने का आरोप लगाया है। आरएलपी ने सोमवार को सुभाष चंद्रा को समर्थन देने का ऐलान किया था। आरएलपी के 3 विधायक है। हनुमान बेनीवाल की इस घोषणा के बाद राजस्थान की सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने भी नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल पर निशाना साधा है। दूसरी और गहलोत के मंत्री महेश जोशी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त पर निर्वाचन विभाग में शिकायत दर्ज कराई है। 

आप प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा ने ट्वीट कर लिखा- सुना है कि 3 में से 2 विधायकों का कहना है कि पैसे तो 40 करोड़ उन्होंने लिए, मुझे क्या मिला। मैं तो उसी को वोट दूंगा। जहां मेरा मन करेगा। विधायकों में हुआ विद्रोह। दूसेर ट्वीट में लिखा- हनुमानगढ़ के विजय बेनीवाल को आतंकियों ने कश्मीर में मार डाला। आम आदमी के प्रतिनिधिमंडल ने उनके घर जाकर परिवार से मुलाकात की और सांत्वना दी। राजस्थान की जनता का वोट 40 करोड़ में राज्यसभा के लिए बेचने वाले बताए कि विजय कुमार के घर जाने में उन्हें किसने रोका था। तीसरे ट्वीट में लिखा- 3 विधायक बेचकर इतना पैसा। सोचिए गलती से राजस्थान की जनता अगर 30 दे देती तो आज ये पूरा राजस्थान ही बेच देते। शेम। शेम। किसानों को आंतकी कहने वालों को समर्थन देंगे। ऐसा किसी ने सोचा भी नहीं था। 

मौजूदा ​संख्या बल के हिसाब से भाजपा एक सीट पर जीत रही है। दूसरी सीट के लिए उसे 11 वोट चाहिए। भाजपा ने घनश्याम तिवाड़ी को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है। सुभाष चंद्रा भी मैदान में है। भाजपा के 71 विधायक हैं। एक सीट जीतने के लिए 41 विधायकों के वोट चाहिए। दो उम्मीदवारों के लिए 82 वोट चाहिए। भाजपा समर्थक दूसरे उम्मीदवार को जीतने के लिए 11 वोट कम पड़ रहे हैं। हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के 3 विधायकों का सपोर्ट सुभाष चंद्रा को मिल गया है। भाजपा की कुल संख्या 74 हो जाती है। फिर दूसरे उम्मीदवार के लिए 8 वोटों की कमी रहती है। कांग्रेसी खेमे में सेंध लगाकर आठ वोट का प्रबंध करने पर ही भाजपा समर्थक दूसरा उम्मीदवार जीत सकता है। कांग्रेस के रणनीतिकार कांग्रेस के 108, 13 निर्दलीय, एक आरएलडी, दो सीपीएम और दो बीटीपी विधायकों को मिलाकर 126 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं। इसलिए मुकाबला बहुत रोचक है। कांग्रेसी खेमे से भाजपा कुछ निर्दलीयों और नाराज कांग्रेस विधायकों में सेंध लगाने के प्रयास में है।

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