यासीन मलिक को सजा सुनाए जाने के बाद घाटी में विरोध प्रदर्शन और आगजनी
टेरर फंडिंग केस में दिल्ली की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उधर, सजा का ऐलान होते ही जम्मू कश्मीर में हालात बिगड़ने की स्थिति को देखते हुए श्रीनगर के मैसूमा और डाउनटाउन इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। इससे पहले श्रीनगर के मैसूमा इलाके में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक के समर्थकों और जम्मू-कश्मीर पुलिस के बीच मारपीट हुई। जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।
दिल्ली की एक अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में कश्मीरी अलगाववादी यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही दस लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। हालांकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मलिक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। फैसले के बाद श्रीनगर के मैसूमा और डाउनटाउन इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में यासीन मलिक ने टेरर फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत सभी आरोपों को स्वीकार किया था। मलिक पर यूएपीए की धारा 18 (आतंकवादी कृत्य करने की साजिश), 20 (आतंकवादी गिरोह या संगठन का सदस्य होने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 124-ए (देशद्रोह) का आरोप लगाया गया था।
19 मई को, विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने उसे दोषी ठहराया था। जिसके बाद बुधवार को कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई है।