प्रयासों के बावजूद कांग्रेस में पलायन का दौर जारी

दिल्लीः कांग्रेस पार्टी संगठन में सुधार लाने के लिए किए जा रहे कुछ प्रयासों के बावजूद अपने नेताओं के पलायन को रोकने में सफल नहीं हो पाई है। इसका सबसे बड़े उदाहरण सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल हैं। सिब्बल अब इस पुरानी पार्टी को छोड़ चुके हैं। सिब्बल के अलावा, संगठन में वरिष्ठ पदों पर बैठे कई अन्य नेताओं ने भी कांग्रेस छोड़ने का विकल्प चुना है। ऐसा इसलिए क्योंकि कई राज्यों में पार्टी अंदरूनी कलह से गुजर रही है।

हाल के महीनों में पार्टी अलाकमान के मुखर आलोचक रहे कपिल सिब्बल ने बुधवार को अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। कपिल सिब्बल ने लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी की ओर से उदयपुर में आयोजित चिंतन शिविर के कुछ दिन बाद 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।

कपिल सिब्बल ने कहा, ‘मैं एक कांग्रेस नेता था। लेकिन अब और नहीं। मैंने 16 मई को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। मैं अखिलेश यादव जी का शुक्रगुजार हूं… 2024 (आम चुनाव) के लिए कई लोग एक साथ आ रहे हैं। हम 2024 से पहले केंद्र सरकार की कमियों को उजागर करेंगे।’

सुनील जाखड़: पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने पिछले गुरुवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। पिछले महीने कांग्रेस ने कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन्हें सभी पदों से हटा दिया था। जाखड़ ने कहा कि उन्होंने पंजाब में राष्ट्रवाद, भाईचारे और
एकता जैसे मुद्दों पर कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया है।

गुजरात में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भी कांग्रेस से इस्तीफे दे दिया है। पिछले कुछ हफ्तों से हार्दिक पटेल पार्टी के कामों पर सवाल भी उठा रहे थे। अपने इस्तीफे को लेकर हार्दिक पटेल ने कहा कि कांग्रेस के पास लोगों के लिए कोई रोडमैप नहीं है। इसके अलावा पटेल ने कहा कि भारत अयोध्या में राम मंदिर, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने, जीएसटी के कार्यान्वयन और कांग्रेस जैसे मुद्दों का समाधान चाहता है। हार्दिक पटेल अभी तक किसी पार्टी में नहीं गए हैं, लेकिन कयास लगाया जा रहा है कि
गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं।

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