मच्छर भगाने के लिए हो सकता है जानलेवा

गर्मी के मौसम में मच्छरों ने भी आतंक ढा रखा है। मच्छर मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी खतरनाक बीमारियां फैलाते हैं ऐसे में इनसे बचना भी जरूरी है।

ज्यादातर घरों में मच्छर भगाने वाली क्वॉइल, अगरबत्ती या इलेक्ट्रिक रीफिल मशीन इस्तेमाल की जाती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन मच्छर भगाने वाली अगरबत्तियों का धुआं न सिर्फ लंग्स को नुकसान पहुंचा सकता है बल्कि इनसे कैंसर भी हो सकता है।

सिर्फ क्वॉइल ही नहीं बल्कि पूजा में इस्तेमाल की जाने वाली खुशबूदार अगरबत्ती भी सेहत के लिए इतनी ही नुकसानदायक होती हैं।  चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन की रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि मच्छर भगाने वाली क्वॉइल और अगरबत्ती के धुएं में कैंसर पैदा करने वाले के तत्व होते हैं।

वहीं पहले चीन और ताइवान में हुई स्टडी में भी साबित हो चुका है कि इस धुएं का कनेक्शन लंग कैंसर से है। फाउंडेशन के डायरेक्टर डॉक्टर सुदीप साल्वी बता चुके हैं कि बंद कमरे में मच्छर वाली एक क्वॉइल जलाना 100 सिगरेट पीने के बराबर होता है। क्वॉइल में पाया जाने वाला पायरेथ्रिन पेस्टीसाइड है जो कि फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। 

बाजार में अब नो स्मोक क्वॉइल भी आने लगी हैं इनसे धुआं तो नहीं होता लेकिन कार्बन मोनोऑक्साइड काफी मात्रा में निकलता है। यह लंग्स को नुकसान पहुंचाने वाला होता है।

मच्छर भगाने के लिए जो लिक्विड मशीन आती हैं उन पर शोध होनो बाकी हैं लेकिन ये भी लंग्स को नुकसान पहुंचाते हैं। हम इनको लगाकर कमरा बंद करते हैं फिर यह केमिकल खुद इनहेल कर लेते हैं जो कि हेल्थ के लिए अच्छा नहीं। 

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