पाकिस्तान आर्मी देश में मिलीजुली सरकार चाहती है , इमरान शायद राज़ी

दिल्ली: पाकिस्तान की संसद में आज यह तय होगा कि इमरान सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कब होगी। संविधान के मुताबिक, अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के 3 दिन बाद और 7 दिन अंदर वोटिंग कराना जरूरी है। स्पीकर असद कैसर इमरान के इशारे पर वोटिंग टालना चाहते हैं, जबकि विपक्ष को जीत सामने नजर आ रही है, इसलिए वो इस पर जल्द से जल्द फैसला चाहता है।

इस सियासी कवायद में ताकतवर फौज को कथित तौर पर न्यूट्रल बताया जा रहा था, लेकिन अब खबर है कि मुल्क की बदहाल इकोनॉमी और बिगड़ते हालात को देखते हुए फौज चाहती है कि देश में सभी पार्टियों की मिलीजुली सरकार बनाई जाए। हालांकि, इमरान खान इसके लिए तैयार नहीं बताए जाते।
पाकिस्तान के सीनियर जर्नलिस्ट अंसार अब्बासी ने फौज के इरादों की जानकारी है। अब्बासी को सेना का करीबी माना जाता है। दरअसल, चंद दिन पहले ‘द जंग’ अखबार में अब्बासी का एक आर्टिकल पब्लिश हुआ था। इसमें उन्होंने कहा था- मुल्क इस वक्त बेहद मुश्किल हालात में है। सियासतदान मुल्क की बेहतरी के बजाए सिर्फ खुद पर फोकस कर रहे हैं। ऐसे वक्त फौज को दखल देना चाहिए। वरना इन हालात में कुछ ऐसा भी हो सकता है कि पाकिस्तान पूरी तरह तबाह हो जाए। मुल्क की सलामती फौज के हाथों में है।

अब्बासी ने सोशल मीडिया पर कहा- आर्टिकल के बाद फौज के एक आला जनरल ने मुझे फोन किया। उन्होंने पूछा- आपको क्या लगता है कि फौज को क्या करना चाहिए। मैंने कहा- हमारी इकोनॉमी तबाह हो चुकी है। हर दिन आतंकी हमले हो रहे हैं। फॉरेन पॉलिसी जैसी कोई चीज नहीं दिखती। इसलिए फौज को सियासत में दखल देना चाहिए। फौज ने पहले भी इन हालात को संभाला है।

अब्बासी कहते हैं- कुछ दिन बाद मेरे पास उसी जनरल का फोन दोबारा आया। इस दफा उन्होंने कहा- हम हुकूमत से नेशनलिस्ट गवर्नमेंट के बारे में बात कर रहे हैं। अपोजिशन के नेता रैलियों और मार्च निकालने में व्यस्त हैं, लेकिन हमने अपना मैसेज उन तक पहुंचा दिया है। अब देखते हैं कि उनका स्टैंड इस बारे में क्या रहता है।

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