जोमैटो की 10 मिनट फूड डिलीवरी पर लोगों ने उठाये सवाल 

दिल्ली: ऑनलाइन फूड डिलीवरी सर्विस देने वाली कंपनी जोमैटो अब 10 मिनट में आपके पास खाना पहुंचाएगी। कंपनी के फाउंडर दीपिंदर गोयल ने एक ब्लॉग के जरिए इस बात की जानकारी दी है। हालांकि, कंपनी के इस कदम को लेकर कई विवाद भी शुरू हो गए हैं। लोकसभा सदस्य कार्ति चिदंबरम ने कहा है कि यह बिल्कुल बेतुकी सर्विस है। इससे डिलीवरी करने वालों पर बेकार का दबाव बढ़ेगा। गोयल बोले- मुझे लगने लगा था कि जोमैटो का 30 मिनट की डिलीवरी का औसत समय बहुत ही धीमा है। यह जल्द ही चलन से बाहर हो जाएगा। अगर हम इसे नहीं बदलते हैं तो कोई ये काम करेगा। टेक इंडस्ट्री में बने रहने का सिर्फ एक ही तरीका है इनोवेशन करना और आगे बढ़ना है। इसलिए अब हम अपने 10 मिनट फूड डिलीवरी ऑफर- जोमैटो इंस्टा के साथ आए हैं।

गोयल ने बताया बड़े फिनिशिंग स्टेशनों के नेटवर्क पर जल्दी डिलीवरी करने का वादा निर्भर करेगा, जो अधिक डिमांड वाले ग्राहकों वाले इलाकों के करीब स्थित होगा। कंपनी इसे सुनिश्चित करने के लिए डिश-लेवल डिमांड प्रेडिक्शन एल्गोरिदम और इन-स्टेशन रोबोटिक्स पर भी बहुत ज्यादा निर्भर होगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि डिलीवरी पार्टनर की तरफ से चुने जाने पर खाना ताजा और गरमा-गरम हो।

गोयल ने सोशल मीडिया पर ये भी बताया कि उनकी 10 मिनट डिलीवरी सर्विस 30 मिनट डिलीवरी सर्विस की तरह सेफ रहेगी। सभी डिवीवरी ब्वॉय को रोड सेफ्टी को लेकर ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्हें रोड सेफ्टी और लाइफ इश्योरेंस भी दिया जाएगा। राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी डिलीवरी एजेंटों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। उन्होंने लिखा कि यह प्रेशर खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि किसी को भी फूड डिलीवरी के लिए 30 मिनट का इंतजार करने में कोई समस्या नहीं होगी। वैसे भी अगर इस टाइम में खाना डिलीवर नहीं हुआ तो दुनिया खत्म नहीं होने वाली। 10 मिनट की डिलीवरी से दुनियाभर के लोग खुश नहीं होंगे।

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