खाद्य तेलों के दामों ने सबसे ज्यादा ढीली की जेब , अब पेट्रोलियम की बारी
दिल्ली: राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में खाद्य तेलों और वसा उत्पादों ने आम जनता की जेब को सबसे ज्यादा खाली किया है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने खाद्य तेलों और वसा की महंगाई दर सालाना आधार पर 16.44 फीसद रही है। हालांकि, शहरी क्षेत्र में खाद्य तेलों की महंगाई दर संयुक्त स्तर से कम 13.20 फीसद रही है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 18.09 फीसद रही है। इसके अलावा फुटवियर की महंगाई दर दो अंकों में 10.10 फीसद रही है। शहरी क्षेत्र में यह 8.75 फीसद और ग्रामीण क्षेत्र में 11.04 फीसद रही है। अन्य सभी प्रमुख वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर एक अंक में ही रही है।
बता दें फरवरी 2022 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) यानी खुदरा महंगाई दर मामूली बढ़ोतरी के साथ 6.07 फीसद रही है। एक साल पहले समान अवधि में खुदरा महंगाई 5.03 फीसद थी। इस साल जनवरी में यह 6.01 फीसद थी। हालांकि, यह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उपरी सीमा के लक्ष्य से ज्यादा बनी हुई है।
दूसरी ओर, थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति बढ़कर 13.11 फीसद पर पहुंच गई। थोक मुद्रास्फीति अप्रैल, 2021 से लगातार 11वें माह 10 फीसद से ऊंची बनी हुई है। जनवरी, 2022 में डब्ल्यूपीआई 12.96 फीसद थी, जबकि पिछले वर्ष फरवरी में यह 4.83 फीसद पर थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का कहना है कि फरवरी, 2022 में मुद्रास्फीति बढ़ने की प्रमुख वजह खनिज तेलों, मूल धातुओं, रसायनों और रासायनिक उत्पादों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और गैर-खाद्य वस्तुओं आदि की कीमतों में वृद्धि है।