संवेदनशील नेतृत्व

घटना उन दिनों की है, जब डीआरडीओ में ‘अग्नि’ मिसाइल पर काम चल रहा था और काम के अत्यधिक दबाव के चलते उस प्रोजेक्ट से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को अपने परिवार के साथ बिताने के लिए भी पर्याप्त समय नहीं मिलता था।

उसी दौरान उस प्रोजेक्ट से जुड़े डीआरडीओ में कार्यरत डाॅ. कलाम के एक जूनियर वैज्ञानिक ने अपने बच्चों को एक प्रदर्शनी दिखाने ले जाने के लिए उनसे जल्दी घर जाने को छुट्टी मांगी।

डाॅ. कलाम ने उसे इसकी अनुमति दे दी लेकिन उस दिन कार्य इतना ज्यादा था कि वह जूनियर वैज्ञानिक अपने काम में इस कदर लीन हो गया कि उसे समय का पता ही न चला।

दूसरी ओर कलाम साहब ने उसकी व्यस्तता को देखते हुए बच्चों को प्रदर्शनी दिखाने के लिए अपने प्रबंधक को उनके साथ भेज दिया।

जब जूनियर वैज्ञानिक देर रात अपने घर पहुंचा, तब उसे कलाम साहब की इस महानता के बारे में ज्ञात हुआ। अगले दिन उनके समक्ष नतमस्तक होकर उसने इसके लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त किया।

देश के महान वैज्ञानिक होने के साथ-साथ ऐसे नेकदिल इंसान और अद्भुत व्यक्तित्व के स्वामी थे डॉ. अब्दुल कलाम।

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