जो पुजारी बच्चों के साथ छेड़खानी करे उसकी प्रार्थना कौन सा भगवान स्वीकार करता होगा: अदालत

केरल उच्च न्यायालय ने बलात्कार के जुर्म में एक साधु को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए टिप्पणी कि ‘हमें आश्चर्य होता है कि कौन सा भगवान ऐसे पुरोहित की प्रार्थना/पूजा-अर्चना स्वीकार करता होगा जिसने बार-बार एक नाबालिग से उसके भाई-बहनों के सामने छेड़खानी की।’ 

न्यायमूर्ति के विनोद और न्यायमूर्ति जियाद रहमान ए ए की पीठ ने मंजेरी के निवासी मधु को अधिकतम सजा सुनाते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों का परित्याग कर देता है ।

तब मंडराते गिद्ध न केवल उस महिला बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाते हैं। अदालत ने आरोपी की अपील पर यह टिप्पणी की जिसे नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने को दोषी ठहराया गया था।

अदालत ने अपने फैसले में कहा, ”जब कोई व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चों का त्याग कर देता है तब मंडराते गिद्ध न केवल महिला बल्कि बच्चों को भी अपना शिकार बनाते हैं।

इस मामले में हमने एक ऐसे पुजारी को देखा जिसने बस बड़ी लड़की को, वो भी उसके भाई-बहनों की मौजूदगी, बार बार छेड़ने के लिए त्याग की गई महिला और उसके तीन बच्चों को अपने पास रखा।

हमें आश्चर्य होता है कि कौन सा भगवान भगवान एक ऐसे पुरोहित की प्रार्थना स्वीकार करता होगा या उसे माध्यम मानता होगा?”

हाई कोर्ट पोक्सो अदालत के आदेश के खिलाफ सुनवाई कर रहा है। अदालत ने कहा, ”लेकिन बलात्कार का अपराध साबित हो जाने के बाद आरोपी धारा 376 (1) के तहत दोषी करार देने के लायक है।

आरोपी का पीड़िता के साथ विशेष संबंध और अभिभावक के दर्जे पर गौर करते हुए हमारा मत है कि अधिकतम सजा सुनाई जाए।” अभियोजन के अनुसार गंभीर मानसिक बीमारी के लक्षण वाली मां और उसके तीन बच्चों को 1 मार्च, 2013 को भटकते हुए पुलिस ने पाया। 

पूछताछ के दौरान सबसे बड़ी लड़की ने पुलिस के सामने खुलासा कि उसकी मां जिस व्यक्ति के साथ रह रही थी वह एक साल से उसका यौन उत्पीड़न कर रहा था।

अदालत ने कहा कि आरोपी मंदिर का पुजारी नशे में घर आता था, मां और बच्चों के साथ मारपीट करता था और बड़ी लड़की पर उसके भाई-बहनों के सामने यौन हमला करता था।

अदालत ने कहा कि मेडिकल जांच में यौन हमले की पुष्टि हुई है और लड़की का भाई इस अपराध का गवाह भी है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker