ऑटो ड्राइवर की खुली किस्मत
केरल के एर्नाकुलम जिले के एक 58 वर्षीय ऑटो-रिक्शा चालक को राज्य सरकार द्वारा स्थापित 12 करोड़ रुपये की थिरुवोनम बम्पर लॉटरी का विजेता घोषित किया गया।
कोच्चि के मराडू के रहने वाले जयपालन पीआर को लॉटरी के प्रथम पुरस्कार विजेता के रूप में प्रमाणित किया गया, जब उन्होंने पास की बैंक शाखा में पुरस्कार विजेता टिकट की मूल प्रति जमा की थी।
टैक्स और एजेंसी का कमीशन काटने के बाद, उन्हें लगभग 7.4 करोड़ रुपये की राशि मिलने की उम्मीद है।
जयपालन ने स्थानीय मीडिया को बताया कि उन्होंने मीनाक्षी लकी सेंटर से लॉटरी का टिकट खरीदा था। टिकट की कीमत 300 रुपये थी।
उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से लॉटरी टिकट खरीदते हैं और पहले भी 5,000 रुपये जीत चुके हैं।
रविवार दोपहर उन्होंने उस समय खुदे के विजेता होने की बात महसूस किया, जब राज्य सरकार के दो मंत्रियों की देखरेख में तिरुवनंतपुरम में ड्रा के दौरान टीवी स्क्रीन पर टिकट नंबर फ्लैश हुआ।
उन्होंने कथित तौर पर अपने बेटे को टिकट के बारे में बताया लेकिन अपने दोस्तों या परिवार में इस खबर का खुलासा नहीं किया।
सोमवार को उन्होंने अखबार में छपी खबर को क्रॉस चेक किया और सीधे बैंक जाकर टिकट जमा कराया।
यह पूछे जाने पर कि वह पुरस्कार राशि का क्या करेंगे, जयपालन ने एक चैनल से कहा, “मेरे पास कुछ कर्ज हैं जिन्हें मैं चुकाना चाहता हूं।
मेरे पास अदालत में चल रहे दो दीवानी मामले भी हैं जिन्हें मैं साफ़ करना चाहता हूं। मैं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहता हूं और अपनी बहनों की आर्थिक मदद करना चाहता हूं।”
उनकी मां ने चैनल को बताया, ‘हम कर्ज में डूब रहे थे। अगर यह लॉटरी नहीं लगती तो मेरा बेटा उसका भुगतान नहीं कर पाता। मुझे लगता है कि भगवान ने मेरे आंसू देखे और हमारी मदद की।”
वहीं, केरल के वायनाड जिले के दुबई के एक होटल में रसोइया सैयद अलावी ने दावा किया था कि वह भी लॉटरी का विजेता था। उसके दावे के बाद विजेता को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई।
उन्होंने कहा कि केरल में उनके दोस्त, जिन्होंने उनके लिए टिकट खरीदा था, ने उन्हें विजयी टिकट की एक तस्वीर भेजी थी। लेकिन बाद में पता चला कि अलावी के दोस्त ने उसे बरगलाया था।
लॉटरी ड्रा के बाद टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने ऐसी जानकारी फैलाई जिससे राज्य की सबसे बड़ी लॉटरी के विजेता का पता चला।