कोरबा में वन और भूू-अर्जन की भूमि में घोटाला: सीएम ने दिया जांच का निर्देश


रायपुर।  प्रदेश के कोरबा जिले में वन भूमि को निजीभूमि घोषित कर देने और प्रतिबंध के बावजूद भू-अर्जन के खसरों की जमीन का टुकड़ों में काटकर अवैधानिक क्रय-विक्रय तथा पंजीयन- नामांतरण का मामला शासन के संज्ञान में आया है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन मामलों की जांच कर तत्काल प्रतिवेदन की मांग राज्य शासन ने की है।

जानकारी के अनुसार शासन के संज्ञान में यह बात आई है कि कोरबा जिला मुख्यालय में वन मण्डल कोरबा कार्यालय के वन-विभाग के परिसर की भूमि को अभिलेखों में काट-छांटकर निजी भूमि बता दिया गया है।

इस मामले में वन-विभाग के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है। इसी क्रम में जिले के हरदीबाजार-तरदा मार्ग में भू-अर्जन के भूमि का नोटिफिकेशन किया जाकर कलेक्टर कोरबा ने संबंधित भूमियों के क्रय-  विक्रय, पंजीयन तथा नामांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया था।

कलेक्टर के प्रतिबंध के बाद भी भू-अर्जन के लिए चिन्हांकित जमीनों को टुकड़ों में बांटकर क्रय-विक्रय कर लिया गया।

इतना ही नहीं, उक्त जमीनों का पंजीयन एवं नामांतरण भी करा लिया गया।    बताया जा रहा है कि- ये दोनों मामले मुख्यमंत्री की जानकारी में आये, तो उन्होंने गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच कराया जाकर वस्तु- स्थिति की जानकारी लेने का निर्देश दिया।

इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय से पत्र क्रमांक-90/अ.मु.स./ निज. सचिव/ मान. मुख्यमंत्री-2021 दिनांक 17 सितम्बर 2021 के जरिये कलेक्टर कोरबा को जांच कराने तथा वस्तु-स्थिति की जानकारी भेजने का आदेश दिया गया है।

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