‘भूत पुलिस’, खराब कास्टिंग की शिकार
‘भूत पुलिस’ में सैफ अली खान और अर्जुन कपूर ने डराने के साथ हंसाने की कोशिश की है। उनके साथ जैकलीन फर्नांडिस और यामी गौतम हैं।
फिल्म में हॉरर कॉमेडी के साथ-साथ इश्कबाजी भी चलती रहती है। हालांकि यह सैफ की ‘गो गोवा गॉन’ जैसी नहीं है।
‘भूत पुलिस’ को एक हल्की-फुल्की मनोरंजक फिल्म जैसी कह सकते हैं। निर्देशक पवन कृपलानी ने इसे इविल डेट, घोस्टबस्टर्स, जॉम्बीलैंड और द एक्सॉर्सिस्ट से थोड़ा-थोड़ा उधार लिया हुआ है।
फिल्म दो सगे भाइयों की कहानी से शुरू होती है जिसमें विभूति वैद्य के किरदार में सैफ अली खान हैं जबकि चिरौंजी वैद्य के रोल में अर्जुन कपूर हैं।
उनके पिता तांत्रिक थे। ऐसे में उन्हें भूतों को वश में करने और उन्हें भगाने के लिए जगह-जगह बुलाया जाता है। सौभाग्य से वे एक ऐसे समाज में पैदा हुए है जिसका अस्तित्व अंधविश्वास पर टिका हुआ है और यह व्यापार फल फूल रहा है।
वे जल्द ही दो बहनों माया और कनिका से मिलते हैं और एक तरह का गैंग बनाते हैं। फिल्म के बीच में एक खुलासा भी होता है लेकिन यहां यह बताना सही नहीं होगा।
भूत पुलिस और अच्छी फिल्म बन सकती थी अगर कृपलानी कास्टिंग और अच्छी करते। उन्हें थोड़ा साहस दिखाना चाहिए था।
सैफ और अर्जुन इन किरदारों के साथ न्याय नहीं कर पाते। शहरी इलाकों में पले-बढ़े दोनों के हाव-भाव कहीं से फिल्म की कहानी से मेल नहीं खाते। इसी स्क्रिप्ट के साथ ही केवल एक सुधार के साथ फिल्म और अच्छी की जा सकती थी।
अभिनेत्रियों की बात करें तो यामी और जैकलीन की भूमिकाओं में दम नहीं है। दोनों बेहद सपाट रही हैं। ऐसा मालूम पड़ता है कि वे सिर्फ रोमांस और गाने के लिए ही ली गई हैं।