अमेरिका ने माना उससे हुई गलती – काबुल एयरस्ट्राइक में 10 निर्दोष मारे गए थे

दिल्ली: काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाले आतंकियों को मारने के लिए अमेरिकी एयरस्ट्राइक में दस निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई थी। अमेरिका ने भी इस तथ्य को मान लिया है और उसने इसके लिए माफी मांगी है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने शुक्रवार को स्वीकार किया कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में 29 अगस्त को किये गये एक ड्रोन हमले में सात बच्चों सहित 10 निदोर्ष नागरिकों की मौत हो गई और ऐसी कोई आशंका नहीं है कि वे आईएसआईएस-के से जुड़े हुए थे या अमेरिकी सेना के लिए खतरा थे। 

अमेरिकी रक्षा सचिव (रक्षा मंत्री) लॉयड ऑस्टिन ने काबुल में हुए ड्रोन हमले के लिए शुक्रवार को माफी मांगी, जिसमें दस लोगों की मौत हो गई थी। ऑस्टिन ने एक बयान में कहा कि मैं ड्रोन हमले में मारे गए लोगों के पीड़ित परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने आगे कहा कि हम क्षमा चाहते हैं और हम इस भयानक गलती से सीखने का प्रयास करेंगे।

वहीं, पेंटागन में जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि यह एक गलती थी, और मैं गंभीरतापूर्वक माफी मांगता हूं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के यूनाइटेड स्टेट्स सेंट्रल कमांड की एक जांच में पाया गया कि अमेरिकी हमले में एक निदोर्ष सहायता कर्मी और उसके परिवार के सदस्यों की मौत हो गई थी, जिनमें सात बच्चे भी शामिल थे। इस हमले को शुरू में ‘न्यायसंगत’ करार दिया गया था। हमले में मारी गई सबसे छोटी बच्ची सुमाया महज दो साल की थी। जांच में बताया गया कि सुरक्षा बलों ने कार में जिस चीज को रखते हुए देखा था, वह विस्फोटक नहीं बल्कि पानी के कंटेनर थे।

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