एक साल में पौने चार करोड़ रुपए की जैविक खाद की बिक्री
० पशुपालकों के साथ किसानों को हुआ फयदा
महासमुंद। गोधन न्याय योजना से पशुपालकों को आमदनी तो हो रही है वहीं किसानों को भी फसलों के लिए जैविक खाद आसानी से मिल रही है। जिले में पिछले एक साल में गोबर से तैयार पौने चार करोड़ रुपए की जैविक खाद की बिक्री हुई है।
कृषि विभाग के मुताबिक एक साल के अंदर विभाग ने 556 गौठानों के माध्यम से करीब 9 हजार से अधिक किसानों से 1 लाख 93405.74 क्विंटल गोबर की खरीदी की है।
जिससे करीब 58 हजार क्विंटल खाद तैयार कर इसे समितियों के माध्यम से किसानों को बेचा है। शासन ने पशुपालकों से 2 रुपए प्रतिकिलो की दर से गोबर खरीदी कर 6 और 8 रुपए प्रतिकिलो की दर से किसानों को जैविक खेती के प्रति जागरुक करने खाद की बिक्री की है।
वर्तमान में जिले में कुल 562 में 556 सक्रिय गौठान है जहां 9124 पशुपालक गोबर की नियमित बिक्री कर रहे हंै। ज्ञात हो कि शासन द्वारा विगत 20 जुलाई को पूरे प्रदेशभर में गोधन न्याय योजना की शुरुआत की गई है।
जिसके तहत पशुपालकों से गोबर खरीदी करने के साथ ही लावारिश और पालतू मवेशियों को रखने के लिए जिले में 5 सौ से अधिक गौठानों का निर्माण किया गया है।
जानिए… कहां, कितने गौठान
जिले में सर्वाधिक गौठान 126 गौठान पिथौरा ब्लॉक में है वहीं सबसे कम 102 बसना में है। इसके अलावा महासमुंद में 105, बागबाहरा में 111 और सरायपाली में 107 गौठान का निर्माण किया गया है। इसके साथ महासमुंद में एक और शेष नगरीय निकायों में 2-2 गौठान का निर्माण किया गया है। जिसमें गोबर विक्रय करने के लिए 10 हजार से अधिक किसान पंजीकृत है।
दो प्रकार की खाद तैयार
अफसरों ने बताया कि पशुपालकों से खरीदे गए गोबर से दो तरह की खाद तैयार की गई है। इसमें 30315 हजार किलो वर्मी कम्पोस्ट औैर 28476 हजार किलो सुपर कम्पोस्ट जैविक खाद तैयार की गई है। जिसमें वर्मी कम्पोस्ट से 2 करोड़ 4 लाख 25200 हजार रुपए और सुपर कम्पोस्ट से 1 करोड़ 70 लाख 97 हजार रुपए की खाद बेची गई है।