जेल हेडक्वार्टर में बना अदभुत संग्रहालय

आजादी के दीवानों के बिताये क्षणों की गवाह हैं संजोई गई चीजें
शहीदों की दास्तानें यहाँ कैद

लखनऊ। यूपी जेल हेडक्वार्टर में जेल म्यूजियम बनाया गया है। यह उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा संग्रहालय है, जहां पर भारत की आजादी से जुड़ी यादों को ताजा कर संजोया गया है। म्यूजियम में दिखाया गया है कि भारत की आजादी में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर शहीद किन परिस्थितियों में जेल में रहे।

18वीं शताब्दी से लेकर आजादी मिलने तक कौन-कौन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी किस-किस तरह यूपी की जेलों में रहा। यहां वीरों की शहादत की कहानियां बतायी जायेगी।

पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा उत्तर प्रदेश के विभिन्न जेलों में बिताए हुए लंबे समय से लेकर काकोरी क्रांतिकारियों द्वारा फांसी के फंदे पर लटक कर शहीद होने तक की सभी दांस्तानें इस म्यूजियम में कैद की गई हैं।

जेल विभाग द्वारा काफी मेहनत से तैयार इस म्यूजियम को बनाने का उद्देश्य है कि लोग अपने देश के स्वतंत्रता संग्राम को जान सकें और देख सकें कि किन मुश्किल परिस्थितियों में रहकर इन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने हमें आजादी दिलाई और खुद अपनी जान की बाजी लगाई।

शहीदों द्वारा लिखे खत और मैगजीन ,जेल संग्रहालय की दीवारों पर लगे राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्लाह खघन के फांसी पर चढ़ने से पहले के पत्र बयान करते हैं कि किस मुश्किल से आज हमें यह आजादी मिली और कैसे आजाद भारत की इन सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने कल्पना की थी।

म्यूजियम में कई अद्भुत चीजें देखने को मिलती हैं, जैसे मॉडल जेल लखनऊ द्वारा तैयार भारतीय मुद्रा, अंग्रेजों के समय में जेलों के बंदियों द्वारा बनाई गई वस्तुएं,कई अंतराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में प्राप्त हुए मेडल,बंदियों द्वारा जेल में हाथ से लिखी गईं मैगजीन और पुस्तकें प्रमुख हैं।

इन चीजों के साथ संग्रहालय की एक दीवार काकोरी के अमर शहीद जवानो और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के लिए समर्पित की गई है। दीवार पर काकोरी कांड में शामिल क्रांतिकारियों के जीवन, उनके पत्रों एवं अन्य सामान को सहेजा गया है।

दूसरी दीवार पर राजनेता, स्वाधीनता संग्राम सेनानियों की तस्वीर और उनके जीवन से संबंधित सामग्री लगाई गई है। जेल संग्रहालय में काकोरी दीवार के साथ ही साथ अंग्रेजों की क्रूर शासन की दास्तां बयान करने वाले मोटी-मोटी लोहे की जंजीर और बेड़ियां भी रखी गई हैं।

साथ ही में उस फांसी के फंदे को भी सुरक्षित रखा गया है जिससे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लड़कर शहीद हुए थे। इसके अलावा, गेहूं की चक्की भी रखी गई है, जिससे अंग्रेजी शासक जबरदस्ती गेहूं पिसवाया करते थे। जेल में चरखे हैं जिन्हें क्रांतिकारियों ने चलाया था।

उनके द्वारा बनाई गई दरी और चादरें भी म्यूजियम में सुरक्षित रखी गई हैं। जेल निर्माण के लिए बंदियों द्वारा बनाई गई 1877 की मिट्टी की ईंट, उस दौर की हथकड़ियां, बेड़ियां, जंजीरें, बर्तन आदि रखे गए हैं।

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