गंडक के कहर से यूपी में बस गए 4 गांवों के लोग
बाढ़ का पानी गांवों में आता है 24 घंटे से लेकर 72 घंटे तक में उतर जाता है। इतने चंद समय में ही पीड़ितों को जीवन भर नहीं भूलने वाला दर्द बाढ़ दे जाता है।
धूमनगर के निवासियों को भी यह दर्द सालों से साल रहा है। इन लोगों का बसा बसाया गांव-घर, खेत-व्यवसाय सब बाढ़ ने चौपट कर दिया।
स्थिति यह हुई की गांव छोड़ उत्तर प्रदेश पलायन करना पड़ा। हम बात कर रहे हैं बगहा अनुमंडल के ठकराहां प्रखंड की धूमनगर पंचायत की।
गंडक के तांडव ने इस पंचायत के चार गांव के लोगों को अपना सबकुछ छोड़ कर जाने पर विवश कर दिया। वर्ष 2019 में आयी गंडक में बाढ़ व पानी कम होने के बाद कटाव ने चार गांव को पूरी तरह से अपने आगोश में ले लिया।
स्थानीय लोगों ने बताया कि 2019 की बाढ़ कुछ इस कदर भयावह थी कि वह अपने साथ सबकुछ काट ले गयी। ठकराहां का धूमनगर, कुसहा, चनाही व भरपटिया गांव को गंडक ने काट कर अपने आगोश में ले लिया।
विवश लोगों को समीप में यूपी में जाकर बसना लगा। इन गांवों के लोग यूपी के तमकुही, गाजिया, भवानीपुर व लक्ष्मीपुर में रहते हैं।धूमनगर के पूर्व मुखिया दीपराज प्रसाद का कहना है कि कटाव ने लोगों को आश्रयहीन बना दिया।
लोगों के पास न रहने को घर बचा और न ही करने को रोजगार। सरकार की तरफ से भी कोई राहत नहीं मिल सकी। वहीं मुखिया देवी व मुखिया प्रतिनिधि रतन कुमार ने बताया कि लक्ष्मीपुर बांध की पटरी के किनारे बसा हुआ था धूमनगर।
गंडक ने धूमनगर, कुसहा आदि गांवों को बर्बाद कर दिया। सबकुछ लेकर चली गयी अपने साथ। हालांकि पानी उतरने के बाद कु छ लोग अपनी खेती करने के लिए आते हैं और रहने योग्य घर बनाकर रहते हैं।