धर्म-परिवर्तन कानून पर विवाद

गुजरात में धर्म-परिवर्तन रोकने के लिए लाए गए नए कानून के मूल प्रावधानों पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक को हटाने से इनकार कर दिया गया है.

गुजरात सरकार ने हाई कोर्ट की रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की घोषणा की है.गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम, 2021 की अधिसूचना गुजरात सरकार ने जून में जारी की थी.

इसके तहत 2003 के मूल कानून में कई संशोधन किए गए थे. जमीयत उलामा-ए-हिंद की गुजरात इकाई और मुजाहिद नफीस नाम के एक गुजराती नागरिक ने नए कानून के खिलाफ हाई कोर्ट में अलग अलग याचिकाएं दर्ज की थीं.

उनका कहना था कि नए कानून के कई प्रावधान असंवैधानिक हैं. मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने 19 अगस्त को नए कानून की धारा तीन, चार, चार ए, चार बी, चार सी, पांच, छह और छह ए पर रोक लगा दी थी.

अदालत का कहना था कि बिना किसी जबरदस्ती, लालची या धोखे से किए गए अंतर-धार्मिक विवाह करने वालों को अनावश्यक उत्पीड़न से बचाने के लिए इन प्रावधानों पर रोक लगाना जरूरी है. धर्म-परिवर्तन के लिए इजाजत इनमें सबसे ज्यादा विवाद धारा पांच पर है.

इस धारा के अनुसार किसी भी धार्मिक पुजारी को किसी का धर्म परिवर्तन कराने से पहले जिला मैजिस्ट्रेट से इजाजत लेनी होगी

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