पाकिस्तान, चीन और ईरान का तालिबान को खुला समर्थन

अफगानिस्तान में तालिबान का राज लौटने से भले ही लाखों लोग बेचैन हैं और अपने ही वतन को छोड़ने के लिए मजबूर हैं, लेकिन ‘तालिबान खान’ कहे जाने वाले इमरान खान ने एक बार फिर से अपने खतरनाक मंसूबे जाहिर कर दिए हैं।

पाक पीएम इमरान खान ने सोमवार को तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने का स्वागत किया। यही नहीं उन्होंने तालिबान की वापसी को ‘दासती की जंजीरों को तोड़ने वाला’ बताया है।

महिलाओं, युवाओं और आधुनिकतावादी विचारों को मानने वाले लोगों के लिए खतरनाक तालिबान का चीन और ईरान ने भी स्वागत किया है।

एक तरफ चीन ने उम्मीद जताई है कि तालिबान का शासन स्थायी होगा तो वहीं ईरान का कहना है कि अमेरिका की हार से स्थायी शांति की उम्मीद जगी है।

इंग्लिश मीडिया एजुकेशन औ कामकाज की भाषा को लेकर बात करते हुए इमरान खान ने कहा, ‘जब आप दूसरे का कल्चर अपनाते हैं तो फिर मानसिक रूप से गुलाम होते हैं। याद रखें कि यह वास्तविक दासता से भी बुरा है।

सांस्कृतिक गुलामी की जंजीरों को तोड़ना आसान नहीं होता है। अफगानिस्तान में इन दिनों जो हो रहा है, वह गुलामी की जंजीरों को तोड़ने जैसा है।

‘ बता दें कि तालिबान ने रविवार को काबुल शहर पर भी कब्जा जमा लिया और अमेरिका समर्थित सरकार के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर ही भाग गए हैं। वहीं काबुल एयरपोर्ट पर लोगों का हुजूम उमड़ रहा है, जो देश छोड़कर निकलना चाहते हैं। 

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