रुद्र नगरी में गंगा का दिख रहा रौद्र रूप
उफनती गंगा और वरुणा के तटवर्ती इलाके से लोगों का पलायन जारी है। उनकी मदद को प्रशासन के साथ ही पुलिस की तैनाती भी कर दी गई है। पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश के निर्देश पर कमिश्नरेट क्षेत्र के छह थाना क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित 29 कॉलोनियों को चिह्नित किया गया है।
इन कॉलोनियों के मकान डूब चुके हैं, लोग बाहर रह रहे हैं। इन मकानों की सुरक्षा के साथ ही बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए पुलिस की तैनाती की गई है।
वरुणा की बाढ़ में जैतपुरा, सारनाथ और लालपुर-पांडेयपुर के तटवर्ती इलाके डूबे हैं। इसी तरह गंगा की बाढ़ में भेलूपुर, लंका और रामनगर क्षेत्र के तटवर्ती इलाके प्रभावित हैं। अमूमन बाढ़ के समय खाली घर चोरों के निशाने पर होते हैं।
बंद मकानों से चोर लाखों का माल पार देते हैं। भवनस्वामी को जानकारी तब होती है, जब पानी उतरता है और वह अपने मकान में पहुंचता है। लोगों की इस चिंता के मद्देनजर इस बार ऐसे मकानों की निगरानी के लिए रात में भी पुलिस की सक्रियता बढ़ाने का आदेश पुलिस आयुक्त ने दिया है।
काशी में गंगा धीरे-धीरे रौद्र रूप धारण करती जा रही हैं। धीमी गति से मानव बस्तियों की ओर बाढ़ के फैलाव का क्रम जारी है। वर्ष 2013 जैसे हालात बनने लगे हैं। वर्ष 2013 में भी सावन के तीसरे सोमवार तक गंगा तटवर्ती बस्तियों में दूर तक पहुंच गई थीं।
वहीं, गंगा के चलते वरुणा का वेग भी बेलगाम होता दिख रहा है। दोनों नदियों के तटवर्ती दर्जनों मोहल्लों और गांवों में हाहाकारी स्थिति बनती जा रही है।