खेत तालाब का अनुदान कर्ज में नहीं जमा होगा

बांदा,संवाददाता। चित्रकूटधाम मंडल के चारों जिलों में अगले 10 दिनों में खेत तालाब योजना और तेजी पकड़ेगी। हरेक जिले में 150 नए तालाब खोदे जाएंगे। उधर, खेत तालाब योजना का मिलने वाला अनुदान बैंक किसानों के कर्ज में नहीं जमा करेंगे। यह निर्देश मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह ने दिए हैं।

कैंप कार्यालय में खेत तालाब योजना की मंडल स्तरीय समीक्षा बैठक में आयुक्त ने कहा कि अगले माह 7 अगस्त तक चारों जिलों में 600 तालाबों की खुदाई शुरू करा दी जाए। जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि रोजाना इसकी समीक्षा करें। भूमि संरक्षण विभाग अधिकारियों से कहा कि खुद चुके तालाबों के चारों तरफ पौधरोपण कराएं।

मत्स्य विभाग को निर्देश दिए कि तालाबों में मछली पालन के लिए किसानों को प्रेरित करें। उप निदेशक उद्यान से कहा कि योजना के लाभार्थियों को स्प्रिकंलर योजना का लाभ दिलाएं।समीक्षा में पाया गया कि मंडल में अब तक 1200 तालाब खुद चुके हैं। सबसे अव्वल महोबा है। यहां इस योजना के अलावा 1200 तालाब मनरेगा से भी खोदे जा चुके हैं।

आयुक्त ने अग्रणी जिला प्रबंधक (एलडीएम) को निर्देश दिया कि खेत तालाब योजना की जो राशिध्अनुदान किसानों को उनके खाते में भेजी जा रही है। उसे किसानों के कर्ज खाते में समायोजित न करें, क्योंकि इससे योजना का काम प्रभावित हो रहा है। बैठक में उप निदेशक नरेंद्र सिंह व जी राम (भूमि संरक्षण) और रामकुमार माथुर (कृषि) तथा भूपेंद्र सिंह यादव (सूचना) आदि मौजूद रहे।

मंडल स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद आयुक्त दिनेश कुमार सिंह ने खेत तालाब योजना का मौका मुआयना किया। वह अधिकारियों को लेकर महुआ ब्लॉक के खेरवा व स्योंढ़ा (बांदा) गांव पहुंचे। प्रगतिशील किसान संजीव अवस्थी के तालाब को सराहा और उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया।

इसके अलावा सुशील कुमार अवस्थी, सुनील अवस्थी, मीरा देवी, रवींद्र शुक्ला के तालाब भी देखे। उनकी सराहना की और प्रशस्ति पत्र भी दिए। वैदिक आर्गेनिक कृषि फार्म, खेरवा में लगे 15 हजार आम व अमरूद तथा अन्य प्रजातियों के पेड़ देखे। यहां चल रही और अन्य कृषि गतिविधियों का भी जायजा लिया।

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