येदियुरप्पा से ही बीजेपी को मिलेगी ताकत

लंबे समय से चली आ रही अटकलों के बीच सोमवार को कर्नाटक के सीएम पद से आखिरकार बीएस येदियुरप्पा ने इस्तीफा दे दिया। येदियुरप्पा को पद से हटाना बीजेपी के लिए आसान नहीं था क्योंकि वह कर्नाटक की जनता में काफी पसंद किए जाते हैं और वहां के सबसे मजबूत लिंगायत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

इसलिए राजनीतिक गलियारों में यह भी कहा जा रहा था कि येदियुरप्पा को हटाने से बीजेपी को राज्य में नुकसान हो सकता है। हालांकि, बीजेपी ने अब ऐसी योजना बनाई है जिससे येदियुरप्पा को हटाकर भी वह उनकी ताकत का इस्तेमाल करती रहेगी।

कर्नाटक में पहली बार बीजेपी की सरकार बनवाने वाले येदियुरप्पा को पार्टी यूं ही जाने देने के मूड में नहीं है। बल्कि उनके राजनीतिक कद को ध्यान में रखते हुए अब पार्टी उनका उत्तराधिकारी चुनने की प्रक्रिया में भी येदियुरप्पा की मदद लेगी।

पार्टी यह भी उम्मीद कर रही है कि नए मुख्यमंत्री को पूर्व सीएम का समर्थन मिले। हालांकि, यह तय माना जा रहा है कि मौजूदा विधायकों में से ही पार्टी किसी एक को सीएम बनाएगी।

टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, येदियुरप्पा जब दिल्ली आए थे तो उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की अपनी इच्छा जाहिर की थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीजेपी येदियुरप्पा को सक्रिय राजनीति में बनाए रखना चाहती है।

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