अधिवक्ता के घर रह रही किशोरी की मौत

बांदा,संवाददाता। सहायक शासकीय अधिवक्ता के दिव्यांग बच्चे की देखभाल के लिए अधिवक्ता के घर परवरिश पा रही 16 वर्षीय किशोरी की अचानक हालत बिगड़ गई। जिला अस्पताल में उसकी मौत हो गई। किशोरी के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया। पिता ने जहर खिलाने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है। कोतवाली पुलिस ने प्रथम दृष्टतया आरोपों को गलत बताया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

शहर के छावनी मोहल्ला निवासी गोविंद प्रसाद रैकवार ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उसकी पुत्री सानिया रैकवार शहर के छत्रसाल स्कूल में पढ़ती थी। तभी स्कूल की शिक्षिका अजीता दीक्षित ने अपने दिव्यांग बच्चे की देखरेख के लिए अपने पास रख लिया। पूरी परवरिश का भरोसा दिलाया। सानिया वहीं रह रही थी। अजीता के पति मनोज दीक्षित सहायक शासकीय अधिवक्ता हैं।

किशोरी के पिता के मुताबिक, 25 जुलाई को आधी रात के बाद फोन पर बेटी के बीमार होने और फिर मृत्यु हो जाने की खबर मिली। उसका शरीर नीला पड़ा हुआ था। आरोप लगाया कि जहर खिलाने से मौत हुई है। उधर, वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज दीक्षित भी किशोरी की मौत से काफी गमजदा हैं। अस्पताल में उन्होंने बताया कि सानिया को बेटी की तरह रखे थे।

अचानक तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल लाए और इलाज कराया, लेकिन उसकी मृत्यु हो गई। उधर, कोतवाली इंस्पेक्टर भास्कर मिश्र ने बताया कि किशोरी के पिता की तहरीर मिली है। जांच में प्रथम दृष्टतया अधिवक्ता के परिवार पर लगाए गए आरोप सही नहीं पाए गए हैं।

वह किशोरी को बेटी की तरह परवरिश कर रहे थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर मौत की स्थिति और स्पष्ट हो सकेगी। गौरतलब है कि मृतका इस समय 7वीं कक्षा की छात्रा थी। चार बहनों में तीसरे नंबर की थी। पिता पेशे से ड्राइवर है।

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