कान्हा गोशाला में दो मवेशियों की मौत
बांदा,संवाददाता। प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च के बाद भी पालिका द्वारा संचालित कान्हा गोशाला में पशुओं की हालत बदतर है। भूख से आए दिन पशु दम तोड़ रहे हैं। शुक्रवार शाम को गोशाला में दो पशु मृत मिले। उनके शव गोशाला में ही पड़े थे।
संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडरा रहा। गोशाला में 207 पशुओं को रखने की क्षमता है, लेकिन मौजूदा समय में चार सैकड़ा से अधिक मवेशी बंद हैं। जिनके खाने-पीने की कोई व्यवस्था नहीं है। गोशाला में भूसा नहीं था।
मात्र पांच बोरी नमक व तीन बोरी पशु आहार और गुड़ की खाली बोरी पड़ी थी। स्ट्रीट लाइट टूटी थी। चैकीदार ने बताया कि रात में अंधेरा हो जाता है। पर्याप्त मात्रा में टिनशेड न होने से गर्मी में तपन व बारिश से जूझना पड़ रहा है।
भूख से पशुओं की जिस्म जर्जर हो गए। गोशाला प्रभारी मुन्नालाल ने बताया कि अनाज की जिम्मेदारी लिपिक की है। अधिकारी दो माह से गोशाला में निरीक्षण को नहीं आए। लिपिक का कहना है कि प्रति पशु 30 रुपये का बजट दिया जाता है।
एसडीएम सौरभ शुक्ला का कहना है कि ईओ को निर्देश दिए गए हैं कि मृत गायों के शवों को दफनाया जाए। पर्याप्त मात्रा में चारा-भूसा उपलब्ध कराया जाए।