अस्थाई कर्मचारी होंगे नियमित
महाराष्ट्र के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री अशोक चव्हाण ने विधानसभा में सोमवार को बताया कि बंबई उच्च न्यायालय द्वारा आरक्षण पर रोक लगाए जाने से पहले महाराष्ट्र सरकार ने शैक्षणिक एवं सामाजिक रूप से पिछड़ा वर्ग (ईएसबीसी) श्रेणी के जिन उम्मीदवारों को 2014 में 11 महीने के लिए अस्थाई रूप से भर्ती किया था, उन्हें नियमित किया जाएगा।
उन्होंने यह भी बताया कि राज्य लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) को निर्देश दिया गया है कि वह सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (एसईबीसी) (मराठा) के प्रत्याशियों को ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) या सामान्य वर्ग का विकल्प चुनने की अनुमति देकर लंबित भर्ती प्रक्रिया को पूरा करे
। चव्हाण ने बताया कि राज्य सरकार ने फैसला किया है कि एसईबीसी श्रेणी के तहत सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने वाले प्रत्याशियों के लिए आयुसीमा अब 43 वर्ष होगी और उनका परीक्षा शुल्क भी कम कर दिया गया है।
नारायण राणे समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर, तत्कालीन कांग्रेस-राकांपा सरकार ने 2014 में ईएसबीसी श्रेणी के तहत मराठा समुदाय के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की थी, जिस पर बाद में उच्च न्यायालय ने रोक लगा दी थी।
मराठा आरक्षण पर कैबिनेट उप-समिति के प्रमुख चव्हाण ने कहा कि मराठा आरक्षण बहाल करने के लिए कानूनी लड़ाई के कारण रुकी हुई भर्ती प्रक्रिया को पूरा करने के लिए यह निर्णय लिया जा रहा है।