ज़मीनी विवाद के चलते भाई ने चचेरे भाई को उतारा मौत के घाट

बाँदा। बांदा में जमीन के विवाद में खानदानियों ने पेड़ में बांधकर चचेरे भाई को लाठियों से बुरी तरह पीटा, जिसकी कुछ देर बाद मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि जमीन के बंटवारे को लेकर खानदानियों ने हमला किया। छह बीघा जमीन का विवाद बताया गया है।

पुलिस ने चचेरे भाई समेत चार लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज की है। घटना बिसंडा थाना क्षेत्र के इटवां गांव की है। यहां रामनरेश (55) शनिवार को दोपहर साइकिल पर खेत से घर लौट रहा था। रास्ते में सुनसान स्थान पर चचेरे भाई समेत चार लोगों ने उसे रोक लिया।

उसके हाथ पीछे बांध दिया और पेड़ में बांधकर लाठी और कुल्हाड़ी से प्रहार कर दिया। वह गंभीर रूप से घायल हो गया। पीटने के बाद आरोपियों ने रामनरेश के सभी बंधन खोल दिए और भाग गए। घायल रामनरेश बिसंडा थाना पहुंच गया। यहां पुलिस ने उसे समझा-बुझाकर घर भेज दिया।

देर रात करीब एक बजे उसकी मौत हो गई। पिटाई से मौत पर बौखलाए परिजनों ने पुलिस से रोष जताया और हंगामा किया। आरोपियों को गिरफ्तार कर कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया है। मृतक की पत्नी व दो बेटे दिल्ली में रहते हैं।

सीओ सत्यप्रकाश ने बताया कि पिटाई के बाद रामनरेश द्वारा दी गई तहरीर पर बिसंडा थाने में एनसीआर दर्ज की गई थी। अब हत्या की धाराएं बढ़ा दी गई हैं। चोट आदि की स्थिति स्पष्ट होने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है। उन्होंने बताया कि आरोपियों की तलाश की जा रही है। हालांकि, चर्चा है कि आरोपी चचेरे भाइयों समेत दो को पुलिस ने हिरासत में ले रखा है, लेकिन पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की।

दो साल से चल रही थी चचेरे भाई से तनातनी
चचेरे भाई और उसके साथियों के हमले में जान गंवाने वाले रामनरेश के विवाद मामले में बिसंडा थाना पुलिस की लापरवाही उजागर हुई है। परिजनों ने बताया कि करीब दो साल से जमीन को लेकर रामनरेश का चचेरे भाई से विवाद चल रहा है।

रामनरेश की करीब छह बीघा जमीन चचेरा भाई कब्जा किए है। मृतक भी चचेरे भाई की तीन बीघा जमीन कब्जा कर जोत रहा था। इन्हीं जमीन के बंटवारे को लेकर दोनों के बीच तनातनी चल रही थी। कई बार पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंतत: जमीन का विवाद जानलेवा साबित हुआ।

अस्पताल के बजाए पुलिस ने घर भेज दिया
रामनरेश को बांधकर पीटने की शिकायत को थाना पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। हैरत की बात है कि पुलिस ने बुरी तरह घायल रामनरेश का डाक्टरी परीक्षण कराने के बजाए उसे घर भेज दिया। यह आरोप मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने रामनरेश से तहरीर लेकर उसे घर भेज दिया, जबकि इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजना चाहिए था। इसी लापरवाही के चलते उसकी मौत हो गई।

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